बिहार के इस मंदिर में मत्था टेकने से हर बीमारी होती है दूर

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महाशिवरात्रि पर विशेष

Mahashivratri 2023: इस साल आज यानी 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि है. ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के दर्शनमात्र से भक्तों की विपदा दूर हो जाती है. इस महाशिवरात्रि पर आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे लेकर मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से साध्य और असाध्य रोग दूर हो जाते हैं. इस मंदिर की महिमा से तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने खुद इस मंदिर का निर्माण करवाया.

बिहार के पूर्णिया जिले के रामबाग स्थित महामाया स्थान मंदिर में महाशिवरात्रि और नागपंचमी को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. कोसी-सीमांचल ही नहीं बल्कि नेपाल के सीमावर्ती हिस्सों से भी इस दिन लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि मंदिर को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त है. भगवान शिव खुद डॉक्टर की भांति भक्तों के रोग का इलाज करते हैं. यही वजह है कि भक्तों में मंदिर को लेकर अपार आस्था जुड़ी है.

जमीन से मिला था शिवलिंग 

मंदिर के पंडित ब्रजकिशोर मिश्र बताते हैं कि वर्षों से ही इस स्थान पर 7 पिंड और एक भैरव स्थापित हैं. इसके बाद किसान को एक रोज खेती करने के दौरान जमीन के अंदर से शिवलिंग मिला. तब इस मंदिर में पूर्णिया सिटी की पुजारिन पूजा अर्चना करती थी. समय के साथ मंदिर की शक्तियां और भक्तों में इसके प्रति आस्था दिनों दिन बढ़ती ही चली गई.

हर मनोकामना होती है पूर्ण

यहां के पुजारी पंडित ब्रजकिशोर मिश्र ने बताया कि मंदिर में मत्था टेक सच्चे मन से अगर कोई मुराद मांगता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. मंदिर की महिमा से प्रभावित होकर पूर्णिया के तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त ने मंदिर का निर्माण करवाया. वक्त के साथ मंदिर के प्रति लोगों की आस्था गहरी होती चली गई. महाशिवरात्रि और नाग पंचमी को न सिर्फ कोसी-सीमांचल बल्की नेपाल के सीमावर्ती इलाके से भी लोग भगवान शिव के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं. महाशिवरात्रि में हर वर्ष 10 हजार से भी अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. मंदिर कमिटी की ओर से सभी के लिए भंडारे का विशेष प्रबंध होता है.