यह किसी फाइवस्टार होटल का बाथरूम नहीं, छपरा के सरकारी स्कूल का है

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Bihar News: एक तरफ जहां सरकारी स्कूलों के टीचर विद्यालय भवन निर्माण के दौरान घटिया मटेरियल का इस्तेमाल कर अपनी जेब भरने की कोशिश करते हैं। वही दूसरी तरफ अमनौर प्रखंड में एक शिक्षक है जो बिहार में अपने स्कूल को सबसे बेहतर दिखाने की जिद के सामने बच्चो के लिए ऐसे शौचालय का निर्माण करवा दिया जो शायद ही सारण के किसी निजी स्कूल में ऐसा शौचालय होगा।

अमनौर प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय अपहर अनुसूचित जाति टोला के प्रधानाध्यापक निर्मल पांडेय ने अपनी जिद के कारण अपने स्कूल में बच्चों के लिए शौचालय का निर्माण करवाया है जिसकी तारीफ बिहार स्तर पर हो रही है।

निर्मल पांडेय को जानने वाले लोग बताते हैं कि शिक्षक स्कूल को अपने घर की तरह समझते हैं। उन्हें लगता है कि स्कूल में जो भी करें वो सबसे बेहतर हो, स्कूल में जो भारत के भविष्य पढ़ रहे है उन्हें कभी ये महसूस नहीं हो की वह किसी सरकारी स्कूल में पढ़ रहे है।