गांधी शांति पुरस्कार 2021 के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर को चुना गया है.
यह पुरस्कार गीता प्रेस को ‘अहिंसा और गांधीवादी तरीके से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में बदलाव लाने में उत्कृष्ट योगदान’ के लिए दिया जा रहा है.
संस्कृति मंत्रालय ने रविवार को एक प्रेस रिलीज में यह जानकारी दी.
गीता प्रेस की स्थापना 1923 में हुई थी और अब तक यहां से 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं.
इनमें से 16.21 करोड़ श्रीमद्भागवत गीता शामिल है.
मंत्रालय ने बताया कि इस पुरस्कार के साथ एक करोड़ रुपये की राशि दी जाती है.
इससे पहले ये पुरस्कार इसरो, रामकृष्ण मिशन, बांग्लादेश ग्रामीण बैंक को दिया जा चुका है.
वहीं, इस पुरस्कार से दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत नेता नेल्सन मंडेला और बाबा आमटे को भी सम्मानित किया गया है.
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस, गोरखपुर को यह पुरस्कार दिए जाने का निर्णय लिया गया.