Jivika : जीविका (Jeevika) के माध्यम से बिहार (Bihar news) में महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जीविका दीदियों (Jivika Didi) को राज्य में कई योजनाओं की मॉनिटरिंग का जिम्मा भी दिया गया है। अब राज्य सरकार (Bihar Government) इनके लिए एक और पहल करने जा रही है। इसके अंतर्गत जीविका से जुड़ी महिलाओं को गांवों में राशन दुकान चलाने में सहयोग दिया जा रहा है। इसी क्रम में हर प्रखंड में रूरल मार्ट खोले जाने हैं।
राज्य के हर प्रखंड (Every Block in Bihar) में खुलने जा रहे इसी मार्ट से (Rural Mart) राशन दुकान चला रही जीविका दीदियों को वाजिब कीमत पर गुणवत्तापूर्ण सामग्रियां दी जाएंगी। ताकि वे अच्छी आय प्राप्त कर सकें। इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग (Bihar Village Development Department) ने जिलों को दिशा-निर्देश भी जारी किया है।
सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Shravan Kumar) ने कहा कि रूरल मार्ट से गांवों में राशन दुकान (Jivika Rashan Shop) चला रही जीविका दीदियों को काफी मदद मिलेगी। रूरल मार्ट का संचालन भी जीविका दीदियों के माध्यम से ही किये जाने हैं। अभी-तक राज्य में ऐसे 61 रूरल मार्ट संचालित हैं, जिसकी स्थापना सभी 534 प्रखंडों में किये जाने का लक्ष्य है।
रूरल मार्ट के लिए न्यूनतम 25 जीविका सदस्यों का समूह (Jeevika Group) बनाना होता है। समूह के सभी सदस्य पांच-पांच हजार रुपये जमा करती हैं। इन्हीं सदस्यों को गांवों में राशन दुकान के लिए रूरल मार्ट से सामग्रियां दी जाती हैं। रूरल मार्ट की स्थापना के लिए जीविका की ओर से 16 लाख का लोन भी समूह को उपलब्ध कराया जाती है।
रूरल मार्ट के लिए किराये में भवन लिये जाते हैं। रूरल मार्ट से जो आमदनी होगी, वह भी समूह के सभी सदस्यों के बीच वितरित होती है। इन्हीं जीविका दीदियों में से तीन या इससे अधिक की जिम्मेदारी रूरल मार्ट के संचालन को दी जाती है। साथ ही वहां पर कर्मी भी रखे जाते हैं।
मालूम हो कि अभी सूबे में जीविका के तहत दस लाख 30 हजार स्वयं सहायता समूह हैं।
इस समूह से एक करोड़ 27 हजार से अधिक परिवारों को जोड़ा गया है। इन स्वयं सहायता समूह को बैंकों द्वारा करीब 16 हजार 700 करोड़ का लोन अब-तक उपलब्ध कराया गया है।