Singhu Border Murder : सिंघू बॉर्डर पर मारे गए लखबीर के परिवार ने मांगा इंसाफ, कहा- वहां जाने के लिए दिया गया था लालच

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Singh Border Murder : सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर मारे गए युवक की पहचना पंजाब (Punjab) के तरन तारन (Taran Taaran) निवासी लखबीर सिंह के रूप में हुई है। इस बीच उसकी हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं मृतक के परिवार वालों ने इंसाफ की मांग की है। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में परिजनों ने कहा कि वो नशे का आदी था और उसे सिंघू बॉर्डर ले जाने के लिए लालच दिया गया था। लखबीर (Lakh beer Singh) के ससुर ने शुक्रवार को बताया कि उसे वहां जाने का लालच दिया गया। इसकी जांच होनी चाहिए और उसे न्याय मिलना चाहिए।

बताया जा रहा है कि मृतक लखबीर सिंह एक मजदूर के रूप में काम करता था। उनकी बहन ने मीडिया को बताया, “उसने 50 रुपये लिए और कहा कि वह चबल में काम करने जा रहा है और 7 दिनों के बाद वापस आ जाएगा। मुझे लगा कि वह वहां काम करने गया है। वह ऐसा व्यक्ति नहीं था (गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) का अपमान करने के लिए)। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।”

https://twitter.com/ANI/status/1449201261153177611?t=On-PWejcAT-r1UYh4O2iIA&s=19

“He took Rs 50 & said he was going for work in Chabal & will return after 7 days. I thought he went to work there. He was not such a person (to commit desecration of Guru Granth Sahib). The perpetrators must be punished,” Raj Kaur, sister of labourer Lakhbir Singh, said yesterday https://t.co/fnm6pk3Dok

बेहद गरीब है लखबीर का परिवार

सिंघु बॉर्डर पर मारे गए लखबीर का परिवार बेहद गरीब है। वह मजदूरी आदि का काम किया करता था। वह चीमा कलां गांव (Cheema Kala Village) का रहने वाला था। गांव में मृतक लखबीर सिंह के घर पर पहुंचे ASI कबाल सिंह ने बताया कि उनके परिवार में पत्नी, तीन बेटियां हैं जिनमें सबसे छोटी 8 साल की और सबसे बड़ी बेटी 12 साल की है। ASI कबाल सिंह ने बताया कि 5-6 साल पहले लखबीर सिंह को उसकी पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया था और वो अलग रहती हैं।

क्या है घटना

आपको बता दें कि दिल्ली-हरियाणा की सीमा (Delhi-Haryana Border) पर किसानों के कुंडली (Kundli Village) स्थित प्रदर्शन स्थल के नजदीक एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उसका हाथ काट दिया गया। उसके शरीर पर धारदार हथियार से हमले के करीब 10 जख्म बने थे और उसके शव को अवरोधक से बांधा गया था। इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

इस नृशंस हत्या के घंटों बाद सिखों (Sikhs) की निहंग (Nihang) परंपरा के तहत नीले लिबास में एक व्यक्ति मीडिया के समक्ष आया और दावा किया कि उसने पीड़ित को पवित्र ग्रंथ की ‘बेअदबी’ करने की ‘सजा’ दी है। अन्य निहंगों ने दावा किया कि उसने पुलिस के समक्ष ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया है, जबकि पुलिस का कहना है कि उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

मामले में एक आरोपी हो चुका है गिरफ्तार

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “कश्मीर सिंह के बेटे सरबजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है जो पंजाब के गुरदासपुर जिले (Gurdaspur) के विटवहा का रहने वाला है।” अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ में सरबजीत ने दावा किया कि वह “पवित्र धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी” बर्दाश्त नहीं कर सका। सरबजीत के “आत्मसमर्पण” से पहले निहंगों ने उसे सम्मानित करते हुए एक वस्त्र दिया और कहा कि उसने ऐसे व्यक्ति को सजा दी जिसने कथित तौर पर पवित्र ग्रंथ की बेअदबी की।

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