बिहार के अनुदानित स्कूल-कालेजों में बदलेगा अनुदान देने का नियम, जनता दरबार में पहुंचे शिक्षक की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश

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पटना। बिहार के अनुदानित स्कूलों, इंटर कॉलेजों और डिग्री कॉलेजों में अनुदान को लेकर कई तरह की गड़बड़ियां और शिकायतें सामने आती रहती हैं। कई विश्वविद्यालयों के नियंत्रणाधीन कालेजों में अनुदान का मामला कोर्ट तक पहुंचा है तो कई मामलों को लेकर विजिलेंस की जांच चल रही है। इस बीच ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में भी अनुदान से जुड़ा मामला पहुंच गया है। इसके बाद संभावना बन गई है कि अनुदानित स्कूल-कालेजों में अनुदान राशि देने का नियम बदलेगा।

जनता दरबार में आए मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी को आवश्यक निर्देश दिया है। दरअसल, सोमवार को जनता दरबार में एक शिक्षक ने शिकायत की थी कि कॉलेज द्वारा शिक्षकों को अनुदान राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। शिक्षक की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने तत्काल शिक्षा मंत्री से बात की और कहा कि इन शिक्षक की बात को गौर से सुनिएगा। हमलोग कॉलेज प्रबंधन को अनुदान दे दिये हैं, पर उनकी ओर से शिक्षकों को इसका भुगतान नहीं किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्काल इसे देखें और नियम बनाएं ताकि शिक्षकों का भुगतान सुनिश्चित हो। उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय के पदाधिकारियों को भी निर्देश दिया कि इस विषय को नोट करें।

मालूम हो कि राज्य में 225 डिग्री कॉलेज और करीब 1200 इंटर कॉलेज और हाई स्कूल हैं, जिन्हें राज्य सरकार अनुदान देती है। जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सोमवार को 134 लोगों ने अपनी शिकायतें रखी, जिसके त्वरित निष्पादन का निर्देश सीएम ने दिया।

वहीं जनता के दरवार मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आये एक फरियादी ने कहा कि उसकी पत्नी को कारोना हो गया था, उस समय वे उसे दिल्ली चले गये, जहां उनकी पत्नी की मौत हो गयी। जब पत्नी की मौत के बाद मुआवजो के लिए आवेदन दिया तो बताया गया कि मौत बिहार से बार हुई है। इसलिये मुआवजे का प्रावधान नहीं है। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला की मौत भले ही बिहार से बाहर हुई, लेकिन वह बिहार की निवासी हैं ऐस में मुआवजा मिललना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संबंध में उचित कार्रवाई करें। अरवल से आये एक शिक्षक ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम नियोजित शिक्षक हैं और अन्यत्र कहीं स्थानांतरित कर दिये गये हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आप नियोजित शिक्षक नहीं हैं बल्कि शिक्षक हैं। मुख्यमंत्री ने शिक्षक की शिकायत पर शिक्षा विभाग को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा।
पश्चिम चंपारण के योगापट्टी के नेसार अहमद ने रोजगार लोन नहीं मिलने, पूर्णिया के बड़हरा प्रखंड के गौरव कुमार सिंह शारीरिक शिक्षक एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के बहाली के संबंध तो नालंदा के रहुई प्रखंड की किरण कुमारी ने आंगनबाड़ी में अनियमित नियुक्ति को लेकर शिकायत की जिसके समाधान का निर्देश सीएम ने दिया। पटना के मसौढ़ी के अश्विनी कुमार ने नगारिकों से जुड़ी समस्याओं के समाधान को लेकर अपनी बातों को रखा तो पटना सदर के केसरी किशोर ने वर्ष २०१५ में भूकंप त्रास्दी के कारण मकान के धंस जाने को लेकर अब तक नहीं मिले मुआवजे के संबंध में शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इसके समाधान का निर्देश दिया।