दरभंगा, पूर्णिया, सबेया, गया, पटना और बिहटा विमानपत्तनों के विकास सहित कई मुद्दों पर केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री से रूडी ने की विशेष चर्चा

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पटना। सारण के सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने केन्द्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिन्धिया के साथ बिहार में दरभंगा, पूर्णिया, गोपालगंज का सबेया, गया, पटना, बिहटा के विकास पर वार्ता की। साथ ही उन्होंने ‘नया पटना के लिए नया एयरपोर्ट’ को लेकर भी मंत्री से चर्चा की। नई दिल्ली के राजीव गाँधी भवन स्थित विभाग के सरकारी कार्यालय में गुरुवार को यह विशेष बैठक हुई। बैठक में नागरिक विमानन विभाग के सचिव प्रदीप सिंह खरोला के साथ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के चेयरमैन संजीव कुमार, डीजीसीए के महानिदेशक अरूण कुमार एवं अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में रुडी ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि दरभंगा हवाई अड्डे पर पार्किंग की जटिलता है जिस कारण हवाई यात्रियों को परेशान उठानी पड़ती है। अनुमान के अनुसार इस वर्ष के अंत तक दरभंगा एयरपोर्ट से आवागमन करने वाले हवाई यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि होगी और यह 10 लाख तक पहुंचेगी, जिस कारण इसके विस्तार की आवश्यकता है। उन्होंने गोपालगंज के सबेया हवाई अड्डे से आरसीएस स्कीम के तहत जहाजों के परिचालन पर भी विमर्श किया।

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बैठक में 1000 करोड़ की लागत से पटना एयरपोर्ट के विस्तारीकरण योजना की समीक्षा की गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री रुडी ने मंत्री से बैंगलोर, हैदराबाद, दिल्ली और मुम्बई की तर्ज पर बिहार में भी ग्रीन फिल्म प्रोजेक्ट के तहत नया हवाई अड्डा के निर्माण की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के छोटा और संकीर्ण होने के कारण केंद्र सरकार ने राजधानी पटना से लगभग 27 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद बिहटा सैन्य हवाई अड्डे का वाणिज्यिक उपयोग करने का प्रस्ताव दिया था। इसके लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने बिहार सरकार से 173 एकड़ भूमि की मांग की थी। बिहटा में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण की शर्त पर बिहार सरकार ने इसकी सहमति प्रदान करते हुए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 108 एकड़ भूमि हस्तांतरित भी कर दी थी।

उन्होंने कहा कि सभी यह चाहते हैं कि राज्य की राजधानी पटना का हवाई अड्डा पूर्वी भारत का सबसे महत्वपूर्ण हवाई अड्डा बने। परन्तु जिस मास्टर प्लान के तहत बिहटा एयरपोर्ट का विकास किया जा रहा है उसके पश्चात भी बिहटा और पटना हवाई अड्डा में कोई विशेष अन्तर नहीं हो पायेगा।

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रुडी ने मंत्री को बताया कि पटना हवाई अड्डे की लंबाई 6900 फीट है जबकि विकास होने के बाद भी बिहटा सैन्य हवाई अड्डा के रनवे की लम्बाई 8200 फीट होगी। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए आवश्यक है कि बोईंग 747, 777, 787 एवं एयरबस 380 आदि का परिचालन सुगमता से किया जा सके और यह तभी संभव हो पायेगा जब एयरपोर्ट के मुख्य रनवे की लम्बाई 12000 फीट हो।

बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह सांसद रुडी की राजनीति के साथ-साथ विमानन क्षेत्र में विशेष रुचि है। यही कारण है कि जब भी मौका मिलता है, वो विमान उड़ाने की अपनी ख्वाहिश अवश्य पूरी करते हैं। न केवल वे कॉमर्सियल पायलट के प्रमाणपत्र धारक हैं, बल्कि व्यावसायिक विमानों की उड़ान में भी कैप्टन की भूमिका अदा करते हैं।

मालूम हो कि पटना का जयप्रकाश नारायण विमानपत्तन वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप सुविधा संपन्न और विस्तृत नहीं है। यहां बड़े विमान नहीं उतर सकते क्योंकि इसकी पट्टी बहुत छोटी है। प्रारंभ में इसके विस्तार की योजना आई थी लेकिन समय रहते विस्तार न हो पाने के कारण आसपास नगर बस गये और अब नगर को उजाड़कर विमानपत्तन का विस्तार संभव नहीं हो पा रहा है। रुडी ने इस कारण पटना के वर्तमान हवाई अड्डे से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर ही दीघा के नजदीक गंगा के उस पार विशाल उपलब्ध भूमि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के विमानपत्तन बनाने का सुझाव वर्षों पहले केंद्र सरकार को दिया था।

उनके सुझाव को मानते हुए और उसपर विचार करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को भेज दिया था जिसपर राज्य सरकार विचार कर रही है। विदित हो कि पटना के दीघा के सामने गंगा के उत्तर में सारण जिले के अंतर्गत विस्तृत भूमि उपलब्ध है जिसपर काफी बड़े हवाई अड्डे का निर्माण किया जा सकता है। यह स्थान राज्य के सभी दिशाओं से आने वाले यात्रियों के लिए सुगम होगा क्योंकि उत्तर बिहार, पूर्वी बिहार, दक्षिण बिहार के साथ ही पटना रिंग रोड आदि का संयुक्त स्थल है दीघा जिसके निकट यह विमानपत्तन व्यावहारिक रूप से अत्यंत उपयोगी साबित होगा।