सेंट्रल डेस्क. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी से मिलने पहुंचे. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस मुलाकात के दौरान पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा भी मौजूद थीं. इस मुलाकात को लेकर हालांकि अबतक कांग्रेस या प्रशांत किशोर की ओर से कोई अधिकृत जानकारी साझा नहीं की गई है कि आखिर यह मुलाकात किस लिए हुई थी लेकिन राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात के कई मायने लगाए जा रहे हैं।
राहुल के घर पर करीब दो घन्टे चली इस मुलाकात के दौरान प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं. बैठक में किन बातों को लेकर चर्चा हुई यह तो साफ नहीं है लेकिन इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. मुलाकात के बाद पीके मीडिया से बचते हुए निकल गए.
प्रशांत किशोर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार हैं, ऐसे में यह बड़ा अनुमान लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी ने पंजाब कांग्रेस में जारी कैप्टन बनाम सिद्धू के झगड़े को लेकर पीके से सलाह मशविरा किया है. पिछले दिनों सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली आए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पीके से मुलाकात की थी.
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हालांकि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने इससे जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा “राहुल गांधी राष्ट्रीय नेता है और उनसे कई तरह के लोग मिलते है. यह कहना सही नहीं होगा कि पीके पंजाब पर चर्चा करने आए थे. रावत ने कहा कि अगर पंजाब पर बात होती तो मुझे भी शामिल किया जाता.”
प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की चुनावी जीत के रणनीतिकार रह चुके हैं. इसके बाद उनकी एनसीपी प्रमुख शरद पवार से एक से अधिक बार मुलाकात हो चुकी है. तो क्या माना जा सकता है कि जो कयास लग रहे हैं कि प्रशांत किशोर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के मिशन में लगे हुए हैं, उन कयासों में वाकई कुछ सच्चाई है.
वैसे दोनों की मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह चल रही है. प्रशांत किशोर को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कुछ महीने पहले अपना प्रमुख सलाहकार नियुक्त किया था. इससे पहले प्रशांत किशोर हाल ही में बंगाल में टीएमसी की चुनावी रणनीति की जिम्मेदारी सफलतापूर्वक संभालकर लौटे हैं. उसके बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के साथ भी उनकी मुलाकात हो चुकी है.
हालांकि शरद पवार या प्रशांत किशोर की तरफ से तो इस मुलाकात को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की गई थी लेकिन आमतौर पर यही माना गया कि साल 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर विपक्षी खेमे की गोलबंदी की ओर ही यह कदम जाता दिख रहा है.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर वैसे बंगाल चुनावों के बाद ही एलान कर चुके हैं कि वे अब किसी पार्टी के लिए चुनावी रणनीतिकार का काम नहीं करेंगे लेकिन देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के साथ उनकी मुलाकात के कई मायने जरूर निकल रहे हैं।