बुजुर्ग की फरियाद पर मानवाधिकार आयोग का आदेश-सीबी-सीआईडी करेगी पूर्व थानाध्यक्ष के कार्यों की जांच

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पटना। बुजुर्ग द्वारा जमीन कब्जा करने वालों और अपराधियों के संरक्षण जैसे लगाए गए आरोपों में घिरे बिहार के गोपालगंज जिला के महमदपुर थाना के पूर्व थानाध्यक्ष मिथलेश पांडेय के कार्यों की सीबी-सीआईडी जांच का आदेश मानवाधिकार आयोग ने दिया है। 82 वर्षीय बुजुर्ग नरेंद्र मिश्रा द्वारा उनकी जमीन कब्जा किए जाने और उनकी फरियाद पर थाने द्वारा गलत रिपोर्ट दिए जाने संबन्धी आरोपों की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने ऐक्शन लेते हुए मामले की सीबी-सीआईडी जांच का आदेश देते हुए छह हफ्तों में रिपोर्ट तलब की है। बुजुर्ग ने आयोग में शिकायत की थी कि उनकी जमीन को षड्यंत्र कर जोर-जबरदस्ती कब्जा कर बेच दिया गया है।

NHRC पहुंचे थे पीड़ित बुजुर्ग

पीड़ित बुजुर्ग ने स्थानीय प्रशासन सहित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी फरियाद की थी। इसके बाद आयोग ने मामले की समीक्षा कर बीते 28 जून को यह आदेश दिया है। 82 वर्ष के बुजुर्ग ने आयोग में शिकायत की थी कि उनके घर-जमीन पर अनाधिकृत कब्ज़ा कर लिया गया। इसके खिलाफ दिए गए शिकायतों पर स्थानीय प्रशासन और महमदपुर थाना के पूर्व थाना प्रभारी मिथलेश पाण्डेय और ASI जनार्दन राम द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि दोषियों को बचाने के लिए गलत रिपोर्ट दायर कर दिया गया। आयोग की ओर से इन शिकायतों की जांच हेतु राज्य के डीजीपी और जांच एजेंसी को 6 हफ्ते का वक्त दिया गया है।

82 वर्ष के बुजुर्ग नरेंद्र मिश्रा की तरफ से ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट और सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अभय कान्त मिश्रा की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए 28 जून 2021 को नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने यह आदेश दिया है।

क्या है शिकायतकर्ता नरेंद्र मिश्रा का आरोप :

82 वर्षीय बुजुर्ग नरेंद्र मिश्रा का आरोप है कि वे अपने जीवन भर की कमाई को बचाने के लिए थाना से लेकर मुख्यमंत्री और नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन से गुहार लगा रहे हैं पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। यहाँ तक कि डकैती व घर-जमीन कब्जा की उनके द्वारा की गई शिकायत पर अभी तक कोई एफआईआर भी दर्ज नही की गई है। उनका आरोप है कि अभी भी अपराधियों द्वारा डकैती, बचे हुए मकान-जमीन पर कब्जा तथा जान से मारने की लगातार धमकियां दी जा रही हैं।

इसके बाद परेशान बुजुर्ग द्वारा गत 17 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों, विजलेंस डिपार्टमेंट बिहार, नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन और बिहार ह्यूमन राइट्स कमीशन, होम मिनिस्टर केंद सरकार को उपलब्ध साक्ष्य सहित लिखित शिकायत की गई थी।

शिकायतकर्ता नरेंद्र मिश्रा ने बताया कि उनकी मांग है कि अवैध रूप से कब्जा की गई उनकी जमीन और मकान से प्रशासन कब्जा हटवाए। साथ ही दोषियों समेत उनको संरक्षण देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी उचित कानूनी कार्यवाही की जाय।

उन्होंने बताया कि वे फिलहाल दिल्ली में इलाजरत हैं। वे गोपालगंज जिला के मोहमदपुर स्थित अपने मकान में ताला लगाकर अपनी पत्नी के इलाज़ के लिए अपने छोटे लड़के के पास दिल्ली आये थे। घर पर कई बार डकैती होने के कारण जीवन भर की कमाई लुट रही है।
इससे आहत होकर पत्नी सदमे में रहने लगी थी जिनका इलाज़ के दौरान मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली में देहांत हो गया।

वे भी 1 साल से दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में अपना इलाज़ करवा रहे हैं और कुछ माह पहले उनके हार्ट की सर्जरी कर पेसमेकर लगाया गया था जिस कारण वे कहीं आने जाने में असमर्थ हैं। इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग साजिश कर फ़र्ज़ी तरीके से उनकी जमीन बेचने और अनधिकृत कब्ज़ा करने में लगे हुए हैं।

इस संबन्ध में उनका पक्ष जानने के लिए पूर्व थानाध्यक्ष मिथिलेश पाण्डेय से संपर्क करने की कोशिश की गई पर संपर्क नहीं हो पाने के कारण उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका।

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