नेपाल ने छोड़ा ढाई लाख क्यूसेक पानी,48 घँटों में पहुंचेगा बिहार,तटबंध की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं ग्रामीण

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छपरा। गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रो में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश एवं नेपाल द्वारा बुधवार को वाल्मीकिनगर बराज से ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने की आशंका हो गई है। नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने की आशंका से सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर,सलेमपुर सोनवर्षा ,बसहिया, उभवा सारंगपुर, रामपुररुद्र 161 आदि गांवों के सैकड़ों परिवारों को फिर बाढ़ का भय सताने लगा है।

बता दें कि इस माह की शुरुआत में ही गंडक ने तबाही मचायी थी। जिस कारण इन गांवों के ग्रामीण पलायन को मजबूर हो गये थे। उस वक्त लोग अपने जरूरी सामानों एवं मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हो गए थे। विस्थापन की स्थिति झेल चुके ग्रामीण गंडक का जलस्तर बढ़ने की संभावना से एक बार फिर सहमे हुए हैं।वहीं जलस्तर में कमी के दौरान प्रखंड के सलेमपुर, सोनवर्षा एवं बसहिया ढाला के समीप तेज कटाव शुरू हो गया था जिसे रोकने के लिए आपदा विभाग द्वारा किया जा रहा कार्य अब भी जारी है।

नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने की आशंका से ग्रामीण सारण तटबंध की सुरक्षा को लेकर सशंकित हैं। हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि नेपाल द्वारा छोड़े गये पानी के अगले अड़तालीस घंटे में पानापुर पहुँचने की संभावना है। उन्होंने बताया कि कटावरोधी कार्यो के कारण कटाव में कमी आयी है। नेपाल द्वारा छोड़ा गया ढाई लाख क्युसेक पानी आसानी से निकल जायेगा। उन्होने बताया कि सारण तटबंध को फिलहाल कोई खतरा नही है।

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