Bengaluru Opposition Meeting: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारी शुरू हो गयी है. भाजपा जहां पीएम नरेंद्र मोदी के नौ साल के कार्यकाल को लोगों के सामने प्रोजेक्ट कर रही है वहीं भाजपा विरोधी दल एक प्लेटफॉर्म पर आने के लिए प्रयासरत हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर 23 जून को पटना में विपक्षी दलों का महाजुटान हुआ था. बैठक में 15 दलों के 27 नेता इकट्ठा हुए थे. इसके बाद अब आज 17 जुलई से बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दो दिवसीय बैठक होने वाली है.
बेंगलुरु में होने वाली बैठक में सभी की जिम्मेदारी तय की जाएगी. राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा, यह भी तय हो जाएगा. पटना की बैठक में भी नीतीश कुमार के राष्ट्रीय संयोजक बनाने की चर्चा हो रही थी, लेकिन फैसला नहीं हो पाया था. इस बार की बैठक में 24 दलों के शामिल होने की उम्मीद है. मिल रही जानकारी के अनुसार सोनिया गांधी भी शामिल हो सकतीं हैं.
बेंगलुरु में शुरू हो रहे 2 दिनों की बैठक में सीट शेयरिंग से लेकर गठबंधन के नाम और विपक्षी दलों की मुहिम को कौन आगे बढ़ाएगा, इसको लेकर फैसला हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विपक्षी एकता बैठक में मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ), और केरल कांग्रेस (मणि) उन नए राजनीतिक दलों में से हैं जो बैठक में शामिल होंगे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक अपना दल (के) की प्रमुख कृष्णा पटेल विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा ले सकती हैं. इसके साथ ही बेंगलुरु की बैठक के लिए आमंत्रित की गई पार्टियों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है. इससे पहले बीती 23 जून को बिहार के पटना में विपक्षी पार्टियों की मीटिंग हुई थी. पिछली बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर हुई थी.
पटना में हुई विपक्ष की पहली बैठक के लिए 16 दलों को आमंत्रित किया गया था जिनमें से 15 ने मीटिंग में हिस्सा लिया था. रालोद के जयंत चौधरी पारिवारिक कार्यक्रम के कारण मीटिंग में शामिल नहीं हो सके थे. इस बैठक में इन राजनीतिक दलों के 30 से ज्यादा नेताओं ने चुनाव को लेकर साझा रणनीति पर चर्चा की थी.