बिहार : फर्जी सर्टिफिकेट वाले अभ्यर्थियों पर FIR, अनियमितता के दोषी अधिकारी- कर्मचारियों पर भी गाज

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पटना। राज्य में छठे चरण की प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जी प्रमाण पत्र वाले चिन्हित अभ्यर्थियों की खैर नहीं। शिक्षा विभाग की ओर से साफ-साफ निर्देश दे दिया गया है कि इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होगी। इसके साथ ही नियुक्ति की प्रक्रिया में अनियमितता बरतने के दोषी अधिकारी-कर्मचारी भी नहीं बख्शे जाएंगे और इन पर भी गाज गिरेगी।

यह निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, निजी विद्यालयों के संबंधन, प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना, डीबीटी, शिक्षकों के वेतनवृद्धि एवं वेतन निर्धारण को लेकर हुई समीक्षात्मक बैठक में दिये गये। बैठक की कार्यवाही सोमवार को जारी हुई है।

दोषियों के विरुद्ध FIR दर्ज कर सूचना देने का निर्देश

दरअसल, नियुक्ति की प्रक्रिया में अनियमितता के दोषी कर्मी-पदाधिकारी, फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चिन्हित अभ्यर्थियों के विरुद्ध जिला स्तर से प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश निर्गत किया गया है लेकिन, समीक्षा में पाया गया कि उक्त आदेश का अनुपालन लंबित है। इसके मद्देनजर निर्देश दिया गया है कि सभी प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए इसकी सूचना एक सप्ताह के अंदर शिक्षा विभाग को उपलब्ध करायी जाय।

सारण, गोपालगंज, दरभंगा सहित 7 जिलों में वेतन पर्ची की स्थिति असंतोषजनक

जिन सात जिलों में डिजीटल सिग्नेचर से वेतन पर्ची निर्गत करने की स्थिति समीक्षा में असंतोषजनक पायी गयी थी, उन सातों जिलों में वेतन पर्ची निर्गत करने एवं बकायों के भुगतान के लिए तय समय-सीमा 31 मार्च को समाप्त होने वाली है। इन सात जिलों में बक्सर, खगडिय़ा, सहरसा, दरभंगा, गया, सारण एवं वैशाली शामिल हैं।

बकाया भुगतान के लिए 20 जिलों को राशि हुई है जारी

पंचायतीराज व नगर निकाय शिक्षकों के बकायों के भुगतान के लिए 20 जिलों को पहले ही राशि जारी हो चुकी है। इनमें पटना, बक्सर, कैमूर, जहानाबाद, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण, सारण, सीवान, समस्तीपुर, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, बांका, खगडिय़ा, बेगूसराय, गया, शिवहर, भोजपुर, दरभंगा एवं गोपालगंज शामिल हैं।

20 जिलों को शिक्षा भवन के निर्माण हेतु भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये गये हैं। निजी विद्यालयों के संबंध में दिये गये निर्देश के मुताबिक इससे संबंधित पोर्टल पर नियमित रूप से लॉग-इन होगी तथा वेरीफिकेशन के उपरांत निबंधन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जायेगी।



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