डॉ रत्नेश चौधरी की पहल से मदद को उठे हाथ, बैंक के कब्जे से मुक्त कराया गया घर

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पटना। मन में अगर सेवा और सहयोग की भावना के साथ कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो समाज भी साथ खड़ा हो जाता है। कुछ ऐसा ही पटना स्थित आइजीआइएमएस के फिजियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष औऱ सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता डॉ रत्नेश चौधरी ने चरितार्थ किया है। उन्होंने सोशल मीडिया कैंपेन और दोस्त-शुभचिंतकों के सहयोग से महज एक सप्ताह में 12 लाख से ज्यादा की राशि एकत्र कर उस शख्स के घर को बैंक के कब्जे से मुक्त कराया जो देशभर में चर्चित एक कांड का अहम गवाह है। डॉ चौधरी के साथ इस अभियान में
ओम प्रकाश, अखिलेश कुमार, पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता डॉ सत्येंद्र कुमार, अंजनी कुमार आदि ने भी काफ़ी सहयोग किया।

मामला यह था कि साल 2014 में ओम नारायण ने एक्सिस बैंक से 12 लाख 70 हज़ार लोन लिया था। 2016 तक लोन की क़िस्त जमा करते रहे। वे बहुचर्चित ब्रहमेश्वर मुखिया हत्याकांड के सीबीआई के एकमात्र गवाह हैं। उनपर 2 बार हमला भी हुआ था। इसलिये सीबीआई के कहने पर राज्य सरकार द्वारा उनको बॉडी गार्ड मुहैया कराया गया है। गवाही, हमले और अन्य कारणों से इनका तेल पेड़ने का व्यापार प्रभावित हो गया और और ये आगे बैंक की क़िस्त जमा नहीं कर पाए।

10 मार्च, 2023 को इनके दानापुर के शाहपुर में स्थित मकान को एक्सिस बैंक ने जब्त कर लिया। बैंक ने मकान को सील कर कर दिया जिसके बाद ये सपरिवार सड़क पर आ गए। फिर लोगों कि मदद से कुछ दिन होटल और लॉज में रहे। बाद में सगुना मोड़ के पास किराये पर रहे। जब यह बात डॉ रत्नेश चौधरी के संज्ञान में आई तो उन्होंने ओमप्रकाश के लिए एक कैंपेन शुरू किया। इसमें आमलोगों के सहयोग और चंदे से बैंक की शेष कर्ज राशि जमा कर इनके घर की वापसी का अभियान शुरू हुआ।

लोगों ने 11 रूपये से लेकर कई हज़ार तक का चंदा दिया जिसे इकट्ठा किया गया और 12 लाख 20 हज़ार का सेटलमेंट की राशि अनुसार निर्धारित तिथि 20 जुलाई के 15 दिन पहले ही 5 जुलाई को बैंक को वापस कर दिया गया। जब 9 जुलाई तक घर वापस नहीं मिला तो टीम के सदस्यों ने बैंक के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही जिसके बाद आनन -फानन में बैंक ने घर को ओम नारायण जी को 10 जुलाई 2023 को सौप दिया। टीम के सदस्यों ने सिक्योरिटी के साथ घर के सील को खोल घर वापस दिलवाया।
इस सहयोग मुहिम में डॉक्टर्स की टीम, भू -मन्त्र की टीम, इंडियन फिजियोथेरेपी क्लब के सदस्य और कई स्वयं सेवी संस्था के सदस्य शामिल थे।

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