पटना। दिवंगत रामविलास पासवान द्वारा स्थापित की गई लोक जनशक्ति पार्टी में बड़ी टूट के बाद चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को मनाने पहुंचे हैं। 13 जून की रात लोजपा में बड़ी टूट हो गई और पार्टी के छह में से पांच सांसद पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में आ गए हैं। इसके साथ ही चिराग पासवान अकेले पड़ गए हैं और उन्हें छोड़ पार्टी के शेष सारे सांसद अलग गुट में चले गए हैं।
इस बीच खबर है कि अपने चाचा और पार्टी की टूट के नेतृत्वकर्ता पशुपति कुमार पारस को मनाने के लिए चिराग पासवान उनके घर पहुंचे हैं। खबर के मुताबिक चिराग पासवान चाचा पारस के घर के बाहर काफी देर तक खड़े रहे तब जाकर उनके लिए दरवाजा खुला। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि चिराग पासवान चाचा पशुपति पारस के घर के बाहर कार में बैठे बार बार कार का हॉर्न बजाते रहे, ताकि घर का दरवाजा खुले, लेकिन उनके चाचा के घर का दरवाजा तक नहीं खुल रहा था। चिराग बार बार हॉर्न बजाते रहे, लेकिन घर का दरवाजा काफी देर तक नहीं खुला।
बताया जाता है कि लगभग आधे घँटे बाद उनके चाचा के घर का दरवाजा खुला, लेकिन जानकारी मिली कि पशुपति पारस घर पर ही मौजूद नहीं थे। बताया जा रहा है कि फिलहाल घर में चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज ही मौजूद हैं, लिहाजा चिराग अभी उनसे ही मुलाकात कर रहे हैं। चिराग पासवान के साथ एलजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी भी मौजूद बताए जा रहे हैं।