पटना। सांसद पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में लोजपा के पांचों सांसदों ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की है। दावा किया गया है कि ये लोग अब पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में रहेंगे। इन्होंने लोक सभा अध्यक्ष से इन्हें अलग मान्यता देने की मांग की है।
इससे पहले 13 जून की रात लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हो चुकी है और पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। सियासी हलकों में इस घमासान को लेकर तरह-तरह के विश्लेषण किए जा रहे हैं। दिवंगत रामविलास पासवान की खड़ी की हुई पार्टी बीच मंझधार में खड़ी नाव की तरह डोल रही है। सिर्फ लोजपा ही नहीं, वरन बिहार की सियासत में भी एक तरह का तूफान मच गया है।
13 जून की रात लोक जनशक्ति पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। सिर्फ रामविलास पासवान के पुत्र व फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे चिराग पासवान ही अब पार्टी के इकलौते सांसद बच गए हैं। वैसे लड़ाई इस बात की भी शुरू हो गई है कि लोजपा की बागडोर अब किसके हाथों में होगी।