मोदी कैबिनेट में जेडीयू कोटे से आरसीपी, संतोष व ललन सिंह तो बीजेपी से सुशील मोदी हो सकते हैं नए चेहरे

राजनीति राष्ट्रीय
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पटना। केंद्र की मोदी सरकार के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार बिहार के कई नए चेहरों को जगह मिल सकती है। जेडीयू ने जहां इस विस्तार में जगह पाने के लिए एक तरह से अपना दावा ठोक दिया है, वहीं बीजेपी की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को कैबिनेट में जगह मिलनी पक्की मानी जा रही है। JDU यदि केंद्र में शामिल होता है तो 2 कैबिनेट और एक राज्य मंत्री के साथ जाएगा।

सांसद सुशील मोदी, ललन सिंह और आरसीपी सिंह (File photo)

बिहार के राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में CM नीतीश कुमार लव-कुश (कुर्मी-कोइरी) कार्ड खेलेंगे।
इस वजह से ही कुर्मी समाज से आने वाले राज्यसभा सांसद RCP सिंह को कैबिनेट और कोइरी (कुशवाहा) समाज से आने वाले पूर्णिया सांसद संतोष कुशवाहा को राज्यमंत्री के तौर पर भेजने की तैयारी है। यह दोनों जातियां नीतीश कुमार का आधार वोट मानी जाती हैं। वहीं सवर्ण कोटे से भूमिहार वर्ग से आने वाले ललन सिंह को जगह मिल सकती है।

वैसे बीती रात लोक जनशक्ति पार्टी में हुई टूट के बाद यह चर्चा भी चलने लगी है कि लोजपा में हुई इस टूट के नेतृत्वकर्ता सांसद पशुपति कुमार पारस भी जेडीयू कोटे से ही मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। वैसे अभी वे या उनके साथ अलग गुट की मान्यता देने की मांग करने वाले लोजपा के अन्य चार सांसदों के जेडीयू में शामिल होने की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में सबकुछ अगले एक-दो दिनों में स्पष्ट हो सकता है।

उधर जदयू की मांग को बिहार बीजेपी के नेताओं ने सही बताया है। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जदयू की भूमिका बिहार से रही है। पहले भी जदयू केंद्र की राजनीति में अहम हिस्सा रहा है। अगर कैबिनेट विस्तार होता है, तो जदयू की भूमिका होनी चाहिए। वहीं बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सांसद डा. संजय जायसवाल ने भी एनडीए के घटक दल जदयू की मांग को सही बताया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र की राजनीति में बिहार की भूमिका बढ़नी चाहिए। नरेंद्र मोदी कैबिनेट विकास के पथ पर अग्रसर है। ऐसे में एनडीए में सहयोगी जदयू का कोई चेहरा मंत्री बनता है तो यह देश के साथ राज्य के लिए अच्छा ही होगा। डा. संजय जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर हमेशा से बिहार पर रही है।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा चल रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जल्द बदलाव हो सकता है। बता दें कि एनडीए में जदयू के 16 सांसद शामिल हैं। ऐसे में जदयू ने केंद्र में शामिल होने की बात कही है। 

JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP सिंह ने शनिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर अपनी हामी भरी तो रविवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भी उनके सुर में सुर मिलाया। कुशवाहा ने कहा कि हम NDA के अंग हैं, निश्चित तौर पर हमारी हिस्सेदारी बनती है। JDU की तरफ से कितने मंत्री होंगे, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- यह हमारे नेता तय करेंगे।

बता दें कि वर्ष 2019 में प्रचंड जीत हासिल करने वाली बीजेपी की सरकार में जनता दल यूनाइटेड ने शामिल होने से इंकार कर दिया था। तब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार थे और उन्होंने नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में एक मंत्री पद मिलने की वजह से कैबिनेट में शामिल होने से मना कर दिया था। उस वक्त कयास लगाए जा रहे थे कि मोदी मंत्रिमंडल में जेडीयू से राज्यसभा सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह और सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है।

मंत्रिमंडल के विस्तार नहीं होने की वजह से वर्तमान मोदी कैबिनेट में चार मंत्री ऐसे हैं जिनके पास खाली पड़े मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी है। मौजूदा सरकार में फिलहाल कैबिनेट रैंक के 22 मंत्री, स्वतंत्र प्रभार के 9 मंत्री और 29 राज्य मंत्री हैं। यानी कुल मिलाकर मंत्रियों की संख्या 60 है। जबकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री समेत 82 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

मंत्रियों के निधन या एनडीए से अलग होने वाले दल के मंत्री पद छोड़ने की वजह से खाली हुए पद भी अब तक नहीं भरे गए हैं। उधर वर्ष 2019 में बीजेपी के साथ सहयोगी बनकर चुनाव लड़ने वाली शिवसेना, अकाली दल और एलजेडी अब एनडीए से बाहर हो चुकी है।

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