पटना। बिहार की राजनीति के लिए आज 13 जून, रविवार की रात बड़ी गहमागहमी वाली साबित होती जा रही है। हालांकि यह सियासी गहमागहमी बिहार में नहीं, बल्कि देश की राजधानी दिल्ली में चल रही है, लेकिन उसकी तपिश बिहार में महसूस की जा सकती है। राज्य के सियासी गलियारों में यह चर्चा तेजी से जोर पकड़ रही है कि लोक जनशक्ति पार्टी के कई सांसद जल्द ही पार्टी छोड़ जेडीयू का दामन थाम सकते हैं। हालांकि इसकी अभी कहीं से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
राजनीतिक सूत्रों के हवाले से खबर यह भी आ रही है कि पार्टी के सांसदों में से चिराग़ पासवान ही अकेले लोजपा के सांसद रह जाएंगे। यानि रामविलास पासवान के भाई और चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस भी पार्टी छोड़ सकते हैं।
बिहार के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि जेडीयू के एक सांसद इस काम में जुटे हुए थे और आज नई दिल्ली में इन सभी लोगों की एक बैठक भी हो चुकी है। वैसे अभी इस खबर की किसी भी राजनीतिक दल या नेता द्वारा आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सियासी गलियारों में यह चर्चा धीरे-धीरे जोर पकड़ती जा रही है।
बताया जा रहा है कि एलजेपी पार्टी के वैशाली सांसद, रामविलास पासवान के भाई और चिराग के चाचा पशुपति पारस देर रात दिल्ली में जेडीयू सांसद ललन सिंह से मिले हैं। चिराग को छोड़ सभी सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को नेता माना है। पशुपति कुमार पारस को प्रिंस पासवान, वीणा सिंह, चंदन कुमार और महबूब अली कैसर ने नेता माना है। यानि लोजपा के छह में से पांच सांसद अब चिराग पासवान का साथ छोड़ रहे हैं। बता दें कि एलजेपी के इकलौते विधायक राजकुमार सिंह जेडीयू में शामिल हो चुके हैं।