बिहार की धरती से विपक्षी एकता का शंखनाद पर क्या आम चुनावों से पहले एकजुट हो पायेगा विपक्ष ?

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CPIML ConvensIon in Bihar : पटना में हुए वामदल सीपीआईएमएल के राष्ट्रीय कन्वेंशन के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या आगामी लोकसभा चुनावों के पहले देश का विपक्ष एक मंच पर आ पायेगा या पूर्व के पहल की तरह यह भी फ्लॉप शो होकर रह जायेगा? इस कन्वेंशन में बिहार के मुख्यमंत्री व जेडीयू नेता नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद सहित सभी वामदलों के प्रमुख नेता मंच पर मौजूद थे। नीतीश कुमार तो पहली बार किसी वामदल के सम्मेलन में विराजे थे। माना गया कि बिहार की धरती से दूसरी बार भाजपा को चुनौती देने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कवायद शुरू हुई है। पहले लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने तमाम विपक्षी दलों को एक फ्रंट में लाने की कोशिश की थी। अब भाकपा माले ने विपक्ष को एकजुट करने का बीड़ा उठाया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा आयोजित कन्वेंशन में तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था। राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन को आकार देने की कोशिश की गई।

कई विपक्षी नेता रहे नदारद

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी न्योता भेजा गया था लेकिन हेमंत सोरेन कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। राज्यपाल के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को इसका कारण बताया गया। इसके अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी कार्यक्रम से दूर रहे। दरअसल जहानाबाद में एक कार्यक्रम में पहुंचे जीतन राम मांझी ने अपने बेटे संतोष सुमन को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे में सीएम बनने की काबलियत है। कुल मिलाकर विपक्ष को एकजुट करने की कवायद पूरी तरह से अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकी लेकिन मंजिल से ज्यादा दूर भी नजर नहीं आ रही है।

नीतीश ने की कांग्रेस से बड़ी अपील

तमाम वामदलों के अलावा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सहित नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और सलमान खुर्शीद ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान सीएम ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि हम विपक्ष को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं. अगर कांग्रेस जल्द से जल्द फैसला ले ले तो बीजेपी को 100 से भी कम सीटों पर समेटा जा सकता है. साथ ही नीतीश कुमार ने पीएम कैंडिडेट को लेकर भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर पीएम बनने की हमारी कोई इच्छा नहीं है लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर आप हमारे पक्ष में नारे लगाना चाहते हैं तो लगाईये हम सबके साथ आगे बढ़ेंगे.

अब कांग्रेस को लेना है फैसला

वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मंच से अपने संबोधन के दौरान कहा कि हम सभी को साथ आकर बीजेपी को हराना है. सभी क्षेत्रीय पार्टियां साथ हैं लेकिन राष्ट्रीय पार्टी को ड्राइविंग सीट पर बैठना होगा. इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि विपक्षी एकता को धार देने के लिए कांग्रस जल्द से जल्द फैसला करे.

कौन करेगा पहल?

वहीं पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने सकारात्मक जवाब दिया. सलमान खुर्शीद ने कहा कि नीतीश और तेजस्वी जो चाहते हैं वही कांग्रेस भी चाहती है. हम आपकी बातों को आलाकमाना तक पहुंचा देंगे. परेशानी ये है कि पहल कौन करेगा. जैसे प्यार में पहले कौन आई लव यू कहेगा के चक्कर में मामला फंसा रहता है. यहां भी कुछ ऐसी ही परिस्थिति देखने को मिल रही है.

बीजेपी बोली-विपक्षी एकता नामुमकिन

बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि विपक्ष में एकजुटता नहीं हो सकती है. तमाम महत्वाकांक्षी नेताओं की जमात विपक्षी खेमे में है. ज्यादातर नेता प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक बार फिर बिहार को जंगलराज के दौर में ले जाना चाहते हैं. उन्हें अपने मंसूबे में कामयाबी हासिल होने वाली नहीं है.

राजद की अपील-विपक्षी दल एकजुट हों

राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार से विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने शुरू की थी. भाकपा माले भी उसी दिशा में आगे बढ़ रही है. तमाम विपक्षी दल एक फ्रंट पर आए विपक्ष के एकजुटता के लिए सकारात्मक संकेत है और इसके अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे.