Shashi Tharoor: (कोच्चि)।केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष के सुधाकरन (K. Sudhakaran) ने रविवार को कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) समेत पार्टी में किसी अन्य के पास भी इसके निर्देशों को नकारने का अधिकार नहीं है। साथ ही सुधाकरन ने थरूर को चेताया कि अगर वह कांग्रेस के फैसलों के दायरे में नहीं रहते, तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा।
कन्नूर (Kunnur) में मीडिया से बात करते हुए सुधाकरन ने कहा, ‘शशि थरूर पार्टी में केवल एक व्यक्ति हैं। एक शशि थरूर, कांग्रेस नहीं है। अगर वह पार्टी के फैसलों के दायरे में रहते हैं तो वह पार्टी का हिस्सा रहेंगे और अगर वह इसे नकारते हैं तो उन्हें बाहर निकाल दिया जाएगा।’
बता दें कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के. सुधाकरन ने रविवार को अपनी पार्टी के सांसद शशि थरूर के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए कहा कि वह पार्टी (Congress) में केवल एक व्यक्ति हैं। अगर वह पार्टी लाइन का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें पार्टी से बाहर जाना होगा। सुधाकरन अपने गृहनगर (Hometown) कन्नूर में थरूर की ओर उठाए गए राजनीतिक रुख का जवाब देते हुए संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
सुधाकरन ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार की ओर से लागू की जा रही विवादास्पद हाई-स्पीड रेल परियोजना (High-Speed Rail Project) पर अध्ययन के लिए और समय चाहिए। बता दें कि इस बीच कांग्रेस और यूडीएफ (UDF) के सभी सांसदों ने रेल मंत्री से मिलकर पर्यावरण और वित्तीय मुद्दों (Environmental and Financial Issues) का हवाला देते हुए इसको मंजूरी नहीं देने का अनुरोध किया था, लेकिन थरूर रेल मंत्री से नहीं मिले।
उल्लेखनीय है कि बैठक में केरल के कांग्रेस और यूडीएफ सांसदों के शामिल नहीं होने के बाद थरूर ने कहा था कि वह बैठक में शामिल नहीं हुए, क्योंकि उन्हें प्रस्तावित हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट के नकारात्मक प्रभावों (Negative Effects) का अध्ययन करने के लिए और समय चाहिए।
बता दें कि इस परियोजना से राज्य को होने वाले पर्यावरणीय और वित्तीय नुकसान का हवाला देते हुए कांग्रेस हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट के खिलाफ अभियान चला रही है। करीब एक लाख करोड़ रुपये के निवेश (Investment) से इस प्रोजेक्ट को पांच साल में पूरा करने का प्रस्ताव है।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के पूर्व अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन को राज्य कांग्रेस नेतृत्व के साथ थरूर की खुली बयानबाजी अच्छी नहीं लगी। उन्होंने राज्य कांग्रेस नेतृत्व को खुले तौर पर थरूर को पार्टी अनुशासन की पेचीदगियां सिखाने को कहा।
हालांकि, केपीसीसी अध्यक्ष के. सुधाकरन और विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन, थरूर पर हमले को लेकर कठोर नहीं हैं, क्योंकि उन्हें लगा कि तिरुवनंतपुरम के सांसद इस मुद्दे का गंभीरता से अध्ययन कर रहे हैं।