मुलायम सिंह यादव के लिए छोटे भाई शिवपाल ने पहली बार कही ऐसी बात, हैरान हुए लोग

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Uttarpradesh News : (लखनऊ)। तमाम तरह के चल रहे कयासों के बीच प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के लिए एक ऐसी बात कह दी जिसके कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल यादव अपने भतीजे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से नाराज हैं। इसमें तो अब कोई संशय नहीं है। वह जल्द ही सपा से नाता तोड़ने वाले हैं, यह भी साफ हो चुका है। हैरानी की बात यह है कि पहली बार शिवपाल सिंह यादव ने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से नाराजगी जाहिर की है। इस बीच सपा (Samajwadi Party) के निशान पर विधायक बने शिवपाल यादव ने एक बार फिर कहा कि उचित समय आने वाला है और वह जल्द अपने अगले कदम का खुलासा करेंगे।

दरअसल, शनिवार को विधानपरिषद चुनाव में वोटिंग के लिए मुलायम कुनबे के अधिकतर सदस्य इटावा में थे। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के अलावा सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और प्रसपा अध्यक्ष और जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने मतदान किया। इस दौरान शिवपाल और रामगोपाल के अलग-अलग बयान सामने आए। जिसने शिवपाल के भाजपा प्रेम के संकेत दिए। हालांकि शिवपाल ने कहा, उनके फैसले का सही समय जल्द आने वाला है।

मुलायम सिंह से नाराज
इटावा में वोटिंग के बाद कुछ पत्रकारों ने जब शिवपाल यादव से सवाल किया कि मुलायम सिंह यादव भी आए हुए हैं, क्या आप उनसे मिलेंगे? शिवपाल ने सबको चौंकाते हुए तपाक से कहा, ”आप जाकर मिल लो।” अखिलेश से पहले भी शिवपाल का झगड़ा हुआ है, लेकिन उस दौर में भी शिवपाल और मुलायम के बीच प्यार और सम्मान कम नहीं हुआ। शिवपाल यादव हमेशा मुलायम को पिता तुल्य बड़ा भाई बताते रहे हैं। 

क्या हो सकती है मुलायम से नाराजगी की वजह?
दरअसल प्रसपा अध्यक्ष 2022 विधानसभा चुनाव में अपना दमखम दिखाने को पूरी तरह तैयार थे। उन्होंने करीब 100 सीटों पर उम्मीदवार भी तय कर लिए थे। लेकिन मुलायम सिंह यादव ने उन्हें अखिलेश का साथ देने को कहा। अखिलेश को सीएम बनवाने के लिए उन्होंने सपा से गठबंधन पर राजी किया। लेकिन अखिलेश ने चाचा को महज एक सीट दी और सपा के चुनाव चिह्न पर ही लड़ने को मजबूर किया।

चुनाव प्रचार के दौरान ही कई बार शिवपाल का यह दर्द जुबान पर आ गया था। उन्होंने कहा था कि बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के कहने पर उन्होंने अपनी पार्टी कुर्बान की, लेकिन महज एक सीट दी गई। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि शिवपाल यादव इस बात को लेकर खफा हैं कि उनका जब भी भतीजे से टकराव हुआ है, मुलायम पुत्र मोह से ही बंधे दिखे हैं, जबकि शिवपाल ने दशकों तक मुलायम के साथ मिलकर जमीन पर मेहनत करके सपा को मजबूती दी थी