बिहार के यूनिवर्सिटी-कॉलेजों में SSC के माध्यम से होगी थर्ड ग्रेड कर्मियों की बहाली, रिक्तियों के लिए बनेगा पोर्टल, 5 हजार पद रिक्त

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पटना। राज्य के पारंपरिक विश्वविद्यालयों (Universities of Bihar) एवं उसके अंगीभूत महाविद्यालयों में थर्ड ग्रेड के शिक्षकेतर कर्मचारियों (Third Grade Employees in Universities) की नियमित बहाली होगी। यह बहाली कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) के माध्यम से होगी। इसके लिए पोर्टल बनेगा। पारंपरिक विश्वविद्यालयों एवं उसके अंगीभूत महाविद्यालयों में थर्ड ग्रेड के शिक्षकेतर कर्मचारियों के तकरीबन पांच हजार पद खाली हैं।

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशालय (Diractorat of Higher Education) की योजनाओं में पारंपरिक विश्वविद्यालयों एवं उसके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में थर्ड ग्रेड के शिक्षकेतर कर्मचारियों की कर्मचारी चयन आयोग से नियमित बहाली (Appointment of Third Grade Employees) का एजेंडा शामिल है। शिक्षा विभाग में शनिवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में उच्च शिक्षा निदेशालय की भावी योजनाओं का प्रेजेंटेशन हुआ।

राज्य के 13 पारंपरिक विश्वविद्यालयों में पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय एवं मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय शामिल हैं।

इन विश्वविद्यालयों के अधीन तकरीबन 250 अंगीभूत महाविद्यालय हैं। इसके अलावे अंगीभूत महाविद्यालय विहीन अनुमंडलों में भी राज्य सरकार द्वारा 11 डिग्री महाविद्यालय खोले गये हैं, जो संबंधित विश्वविद्यालयों के अंगीभूत इकाई के रूप में काम कर रहे हैं।

झारखंड के अलग होने के पहले एकीकृत बिहार के विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में थर्ड ग्रेड एवं फोर्थ ग्रेड के शिक्षकेतर कर्मचारियों के पद तकरीबन 40 हजार था। एकीकृत बिहार के तीन विश्वविद्यालयों एवं उसके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों के झारखंड में चले जाने के बाद बिहार के विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में थर्ड ग्रेड एवं फोर्थ ग्रेड के शिक्षकेतर कर्मचारियों के पद तकरीबन 33 हजार रह गये।

दोनों कोटि के शिक्षकेतर कर्मचारी रिटायर करते चले गये, लेकिन खाली पदों पर नियुक्ति नहीं हुई। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में विश्वविद्यालयों एवं उसके अंगीभूत महाविद्यालयों में थर्ड ग्रेड एवं फोर्थ ग्रेड के शिक्षकेतर कर्मचारियों की संख्या 10-11 हजार ही रह गयी है। नये विश्वविद्यालयों का काम-काज अंगीभूत महाविद्यालयों के थर्ड ग्रेड के कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति से चल रहा है। ऐसे भी अंगीभूत महाविद्यालय हैं, जहां थर्ड ग्रेड के शिक्षकेतर कर्मचारियों के नहीं रहने से काम-काज पर असर पड़ रहा है।