कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने वाले हर किसी को जांच की जरूरत नहीं, जानें क्या है ICMR की नई गाइडलाइन

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Corona New Guidelines : (हेल्थ डेस्क)। देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। ऐसे में इससे निबटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग और सरकारें कोशिश में जुटी हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार को लेकर अस्पतालों में व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसी कड़ी में कोरोना टेस्टिंग को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की तरफ से नई एडवाइजरी जारी की गई है।

आईसीएमआर द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने वाले हर किसी व्यक्ति को तब तक जांच कराने की जरूरत नहीं है जब तक कि वह अत्यधिक जोखिम वाले श्रेणी में न हो। सरकारी की तरफ से जारी एक नई एडवाइजरी में यह बात कही गई है। अत्यधिक जोखिम वाले लोगों में उन्हें रखा गया है जिनकी उम्र ज्यादा है या जो पहले से ही गंभीर रोगों से ग्रस्त हैं।

दूसरे राज्य में यात्रा करने वालों को भी जांच की जरूरत नहीं

कोरोना के लिए उद्देश्यपूर्ण परीक्षण रणनीति पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की तरफ से यह एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि एक से दूसरे राज्यों में यात्रा करने वालों को भी कोरोना जांच कराने की आवश्यकता नहीं है।

इसमें कहा गया है कि आरटी-पीसीआर, ट्रूनेट, सीबीएनएएटी, सीआरआईएसपीआर, आरटी-एलएएमपी, रैपिड मोलेक्यूलर टेस्टिंग सिस्टम या रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) के जरिये ही जांच कराई जा सकती है।

दोबारा जांच कराने की जरूरत नहीं

आईसीएमआर के द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि खुद से ही जांच कराने वाले या आरएटी और मोलेक्यूलर जांच के नतीजों को सही माना जाएगा और दोबारा जांच कराने की जरूरत नहीं होगी। परंतु, अगर किसी में संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे उपरोक्त टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी।

डिस्चार्ज होने पर कोरोना टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं

सामुदायिक सुविधाओं में रहने वाले बिना लक्षण वाले लोगों, घर और कोरोना केयर सेंटरों में आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को भी नए दिशानिर्देशों के मुताबिक डिस्चार्ज होने पर कोरोना टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की भी हफ्ते में सिर्फ एक बार कोरोना जांच की जाएगी।