Lalu Yadav Family dispute : राबड़ी आवास पर रोके जाने से नाराज तेजप्रताप धरना पर बैठे तो मनाने पहुंचे लालू-राबड़ी

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Lalu Yadav Family dispute : काफी लंबे अरसे के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) रविवार, 24 अक्टूबर 2021 की शाम पटना पहुंचे। हालांकि, उनके पटना पहुंचने के बाद पार्टी और परिवार में चल रही कलह खुलकर सामने आ गई। खूब हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ।

पहले से नाराज चल रहे बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tejpratap Yadav) ने उनसे पिता की मुलाकात नहीं कराए जाने और पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा उन्हें अपमानित किए जाने का आरोप लगाकर अपने आवास पर धरने पर बैठ गए। बाद में पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी (Rabadi Devi ) देर रात तेजप्रताप यादव के घर पहुंचे हैं।

इससे पहले तेज प्रताप यादव लालू यादव को अपने घर बुलाने के लिए धरने पर बैठ गए थे। इसके तकरीबन डेढ़ घंटे बाद अब लालू यादव और राबड़ी देवी तेज प्रताप के पटना (Patna news) स्थित स्टैंड रोड आवास पर पहुंचे हैं।

आपको बता दें कि आज शाम आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जब दिल्ली (Delhi news) से पटना पहुंचे तो उनका स्वागत करने के लिए तेज प्रताप भी एयरपोर्ट (Patna Airport) पर आए थे। तेजप्रताप ने यहां अपने पिता की अगवानी की। उसके बाद 10 सर्कुलर आवास तक आए, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के अंदर तेजप्रताप नहीं गए।

राबड़ी देवी के सरकारी आवास के गेट से वापस लौटते वक्त पर तेजप्रताप ने आरोप लगाया कि उनको राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राजद नेता सुनील सिंह और संजय यादव ने अपमानित किया है। इसके बाद तेजप्रताप अपने आवास जाकर धरने पर बैठ गए।

अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के सामने लालू यादव को भी झुकना पड़ा। लालू यादव पत्नी राबड़ी देवी के साथ आखिरकार अपने बेटे तेज के घर पहुंचे हैं लालू के घर पहुंचने पर तेजप्रताप ने उनका पांव धोया है।

मीडिया से मुखातिब होकर तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर उन तमाम लोगों पर निशाना साधा जिनके ऊपर वह आरोप लगाते आ रहे हैं।

तेज प्रताप यादव बोले कि आधी जंग में जीत गया हूं और लड़ाई जारी रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अपने स्टैंड पर अब भी कायम हूं। मैं तब तक राजद से दूर रहूंगा जब तक कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह रहेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि जो भी मेरे और मेरे पिता के बीच आ रहा है उनके लिए यह एक बड़ा तमाचा है।

तेजप्रताप ने कहा, “सामंतवादी विचारधारा के लोग झूठे मुकदमें में फंसा कर हमारे पिताजी को जेल में बंद करने का काम किया। आज उनका दूध का दूध पानी का पानी हो गया। हमारा मांग था कि हमारे पिताजी दो मिनट के लिए ही हमारे घर पर आए। हमने आधी लड़ाई जीतने का काम किया है। हमको परिवार और जनता से मतलब है कौन क्या कहता है उस पर हम ध्यान नहीं देते।”

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