करनाल का किसान आंदोलन खत्म, लाठीचार्ज की न्यायिक जांच होगी व मृत किसान के दो परिजनों को नौकरी

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करनाल: पिछले 5 दिनों से करनाल के लघु सचिवालय (mini Secretariat at Karnal) में चल रहा किसानों का आंदोलन शनिवार को पांचवें दिन समाप्‍त हो गया। किसान नेताओं (farmers leader) और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच शुक्रवार को लगभग साढ़े चार घण्टे वार्ता चली, जो सफल रही। इसके बाद आज शनिवार को दोनों पक्षों ने सामने आकर सहमति (satisfaction) जताई।

वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gumnam Singh Chadhuni) ने कहा कि बैठक से पहले संयुक्‍त किसान मोर्चा के वरिष्‍ठ नेताओं से बातचीत हो चुकी थी। मांग मान ली गई है। अब किसान नेता जाट धर्मशाला के लिए रवाना हो गए हैं। वहां पर आंदोलनकारी मौजूद हैं।

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बता दें कि समझौता शुक्रवार देर रात ही हो गया था, जिसकी जानकारी शनिवार सुबह दोनों पक्षों ने एक प्रेस कांफ्रेंस (press conference) करके दी। शुक्रवार रात को समझौता होते ही शनिवार सुबह हाेने वाली मीटिंग कैंसिल हो गई। इसके बाद किसानों ने धरना भी समेट दिया।

करनाल प्रशासन के अधिकारी (Officers of Karnal administration) बसताड़ा टोल पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज की जांच कराने को मान गए हैं। जांच रिटायर्ड जज करेंगे, जो एक महीने में पूरी की जाएगी। किसानों की इस मांग को मानने के साथ ही प्रशासन ने IAS आयुष सिन्हा को छुट्‌टी पर भेज दिया है।

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मृतक के परिजन को नौकरी
प्रशासन ने लाठीचार्ज में मारे गए किसान के परिजन को नौकरी देने की मांग भी मान ली है। अब प्रशासन द्वारा मृतक के परिजन को एक हफ्ते के अंदर डीसी रेट पर नौकरी दी जाएगी।

इससे पहले शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gumnam Singh Chadhuni) के नेतृत्व में 14 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की एसीएस देवेंद्र कुमार, डीसी निशांत यादव, एसपी के साथ सभी तीनों मांगों को लेकर सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई।

बातचीत से किसान नेता सहमत दिखाई दिए, उस वक्त ही उम्मीद जताई जा रही थी कि शनिवार को करनाल (Karnal) में चल रहा किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने शुक्रवार को कहा था कि शनिवार को किसान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा, सभी मुद्दों पर सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई हैं।

बता दें कि 7 सितम्बर को 3 दौर की बातचीत हुई, करीब 3 घंटे चली बातचीत के बाद भी गतिरोध दूर नहीं हुआ। 3 दौर की वार्ता विफल होने किसानों ने जिला सचिवालय का घेराव का ऐलान कर दिया ओर शाम के समय हजारों की संख्या में किसान बैरीकैटस तोडक़र (broken the baricades) जिला सचिवालय के पास पहुंचे, जहां पर पुलिस ने हल्की पानी की बौछार की, बावजूद किसानों ने जिला सचिवालय का घेराव कर लिया।