क्या राजद में चल रही वर्चस्व की लड़ाई, तेजप्रताप के पोस्टर से तेजस्वी की फोटो नदारद, तेज की सफाई-वे मेरे ‘अर्जुन’

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पटना। राज्य के मुख्य विपक्षी दल राजद के एक पोस्टर को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस पोस्टर के लगाए जाने के बाद पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद के दोनों पुत्रों तेजप्रताप यादव एवं तेजस्वी यादव के बीच मतभेद और पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई की बातें कही जाने लगीं हैं, हालांकि तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी को अपना ‘अर्जुन’ बताते हुए इस विवाद पर लगाम लगाने की कोशिश की है। वैसे इससे पहले एक पोस्टर में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के साथ सिर्फ तेजस्वी यादव की तस्वीर होने के बाद तेजप्रताप यादव की नाराजगी की खबरें भी सुर्खियां बटोर चुकी हैं। कहा जाता है कि उस वक्त नाराज तेजप्रताप यादव पार्टी कार्यक्रम छोड़कर चले गए थे।

दरअसल, पटना के पार्टी कार्यालय में आज 8 अगस्त को छात्र राजद का एक कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर पटना में लगाए गए पोस्टरों में तेजप्रताप यादव तो हैं, लेकिन उन पोस्टरों से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तस्वीर गायब है।

पोस्टर में लालू और राबड़ी की तस्वीर तो नजर आ रही है लेकिन तेजस्वी गायब हैं। ये पोस्टर्स सड़कों पर ही नहीं बल्कि पटना में पार्टी दफ्तर पर भी लगाए गए हैं। बता दें कि आज तेजप्रताप ने राजद की छात्र इकाई की बैठक बुलाई है। इसमें संगठन से जुड़े सभी पदाधिकारियों को मौजूद रहने का आदेश जारी किया गया है।
इस मौके पर तेजप्रताप के समर्थकों ने पटना में कई जगहों पर पोस्टर लगाए हैं। इन पोस्टरों में तेजस्वी यादव को जगह नहीं मिली है। हालांकि इन पोस्टरों पर लालू यादव और राबड़ी देवी मौजूद हैं। यहां तक की छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव तक की तस्वीर लगी हुई है।
बता दें कि बीते 11 जून को पार्टी के 25वें स्थापना दिवस के मौके पर लगाए गए पोस्टर्स से तेजप्रताप की तस्वीर गायब थी। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये पोस्टर एक तरह से राजनीतिक बदला है। जानकारी के अनुसार पोस्टर में जगह न मिलने पर तेजप्रताप यादव काफी नाराज थे। मंच पर भी उनकी ये नाराजगी दिखी थी।

हालांकि आज हो रहे इस कार्यक्रम में तेजप्रताप यादव ने इस विवाद पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए अपने संबोधन में तेजस्वी को अपना अर्जुन बताया। तेजप्रताप ने कहा, “सभी पार्टियों में हमारी ट्रेनिंग दिए हुए युवा कार्यकर्ता हैं। टिक-टॉक पर हम भी वीडियो बनाने लगे थे। जब नरेंद्र मोदी को पता चला कि टिक-टॉक पर वीडियो बना रहे हैं, तो उन्होंने इसको बंद करने का काम किया है। बिहार में फेसबुक-ट्विटर सबको बंद कर देना चाहिए। लालू प्रसाद अपने आप में सोशल मीडिया हैं। महात्मा गांधी खुद में सोशल मीडिया थे।”