आखिर क्यों खतरनाक है कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट, क्या टीका और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इसके सामने साबित होगी बेअसर?

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सेंट्रल डेस्क। भारत में कोरोना की दूसरी लहर अब कम पड़ती दिख रही है लेकिन बहुत संक्रामक और खतरनाक माने जा रहे कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के नए मामले सामने आने के बाद चिंता बढ़ी हुई है। वैज्ञानिक जहां एक ओर कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका पहले ही जता चुके हैं, वहीं कई राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद यह चिंता भी जताई जा रही है कि कहीं यही वैरिएंट तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार न बन जाए।

अब तक हुए शोधों के हवाले से वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस (एवाई.1) भारत में सबसे पहले सामने आए डेल्टा (B.1.617.2) में म्यूटेशन से बना है। इसके अलावा K41N नाम का म्यूटेशन जो दक्षिण अफ्रीका में बीटा वेरिएंट में पाया गया था, उससे भी इस वैरिएंट के लक्षण मिलते-जुलते हैं। इसलिए यह ज्यादा खतरनाक है।

देश के शोधकर्ताओं और वैज्ञानिक इस नए वैरिएंट को लेकर चिंता जता चुके हैं तो सरकार और डब्ल्यूएचओ भी सतर्क हो गया है। माना जा रहा है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट वैक्सीन और इम्युनिटी दोनों को चकमा दे सकता है।

माना जा रहा है कि ऐसा इसलिए संभव है, चूंकि डेल्टा प्लस में वे सारे लक्षण हैं जो डेल्टा वेरिएंट में थे लेकिन इसके अलावा बीटा वेरिएंट के लक्षण भी डेल्टा प्लस में हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्सीन का असर बीटा वेरिएंट पर कम होता है। बीटा वेरिएंट वैक्सीन को चकमा देने में अल्फा और डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा तेज है।हालांकि, सरकार ने अबतक के अध्ययनों के हवाले से कहा है कि डेल्टा वेरिएंट पर कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके प्रभावी हैं।

वैसे अभी तक डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर ज्यादा रिसर्च सामने नहीं आया है, इस वजह से नए वैरिएंट से होने वाली बीमारी एक रहस्य बनी हुई है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर कम जानकारी ही पूरी दुनिया में खौफ पैदा कर रही है। धीरे-धीरे इस पर रिसर्च शुरू हो गया है। हालांकि माना जा रहा है कि डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा डेल्टा प्लस वैरिएंट खतरनाक है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फिलहाल देश में डेल्टा प्लस वेरियंट के 40 केस हैं। ये 40 केस 8 राज्यों में पाए गए हैं। ये राज्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, जम्मू और कर्नाटक हैं। केंद्र सरकार ने कहा है कि डेल्टा प्लस, वेरिएंट ऑफ कंसर्न है। इसलिए राज्यों को सतर्क रहने की जरूरत है।

इस वैरिएंट को लेकर दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है। व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची ने आगाह किया है कि कोरोना का बेहद संक्रामक वेरिएंट डेल्टा महामारी का सफाया करने के प्रयासों के लिए सबसे बड़ा खतरा है। अमेरिका में सामने आने वाले कोरोना वायरस के नए मामलों में से 20 फीसदी से अधिक में संक्रमण की वजह डेल्टा वेरिएंट है। उन्होंने कहा कि दो हफ्ते पहले तक नए मामलों में से दस फीसदी में यह वेरिएंट पाया गया था।

उधर ब्रिटेन में भी डेल्टा वेरिएंट डरा रहा है और यहां सबसे पहले सामने आए अल्फा वेरिएंट के मुकाबले अधिक फैल चुका है। यहां 90 फीसदी से अधिक नए मामलों की वजह डेल्टा वेरिएंट है और इसके प्रकोप के कारण ब्रिटेन में गतिविधियों की मंजूरी देने में भी विलंब किया जा रहा है। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने डेल्टा को बेहद संक्रामक बताते हुए इसे चिंताजनक वेरिएंट की श्रेणी में डाला है।