बिहार में आरक्षण का दायरा 75% करने का प्रस्ताव, विधानसभा में CM नीतीश का बड़ा एलान

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पटना। बिहार में आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है, इसे लेकर विधानसभा में CM नीतीश का बड़ा बयान दिया है। बिहार विधानसभा में जातीय गणना की आर्थिक और सामाजिक रिपोर्ट पेश किया गया। रिपोर्ट पेश होने के बाद चर्चा हुई। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान करते हुए आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 65% करने का प्रस्ताव दिया, जिसका विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने भी समर्थन किया।

बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 65% करने का विचार है। उन्होंने कहा कि आरक्षण का दायरा 65 फीसदी होना चाहिए। यानी 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण को जोड़ दें तो आरक्षण का कुल दायरा 75 प्रतिशत तक हो जाएगा। सीएम की इस बात का बीजेपी ने भी सपोर्ट किया। बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार ने बीसी और ईबीसी वर्ग के लिए ये प्रस्ताव पेश किया है।

सीएम ने राज्य में आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा है। विधानसभा में चर्चा के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने यह प्रस्ताव रखा। इसमें आरक्षण को 50 से 65 फीसदी करने की बात कही गई है। वहीं, इडब्ल्यूएस के 10 फीसदी को मिलाकर आरक्षण का दायरा 75 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है।

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में मंगलवार को जातीय गणना की आर्थिक और सामाजिक रिपोर्ट पेश किया गया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस वर्ग और किस जाति में कितनी गरीबी है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, SC के 42.93% और ST 42.7% गरीब परिवार है।

इसके साथ ही बिहार में सामान्य वर्ग में गरीब परिवारों की तादाद 25.09 फीसदी है। सामान्य वर्ग में भूमिहार सबसे अधिक गरीब है। रिपोर्ट के मुताबिक 27.58 फीसदी भूमिहार गरीब हैं। वहीं, 25.38 फीसदी ब्राह्मण परिवार गरीब हैं



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