NDA को चुनौती देने के लिए फिर शुरू हुई तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट,आज हो रही कई विपक्षी दलों की बैठक पर क्या कांग्रेस हो रही किनारे?

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सेंट्रल डेस्क। देश में अगले आम चुनाव साल 2024 में होंगे। उस समय तक केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत एनडीए सरकार के 10 साल पूरे हो चुके होंगे। लगातार दो आम चुनावों में नरेंद्र मोदी नीत एनडीए की सरकार बनने के बाद साल 2024 में होनेवाले आम चुनावों में एनडीए को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलों द्वारा एक बार फिर तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू की गई है। इस संभावित तीसरे मोर्चे को लेकर आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर कई विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है, लेकिन खास बात यह है कि सँभवतः इस बैठक में देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की उपस्थिति नहीं होने वाली है।

पिछले दिनों चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ दो बार मुलाकात हुई थी। पश्चिम बंगाल में हालिया संपन्न विधानसभा चुनावों में प्रशांत किशोर ही ममता बनर्जी के रणनीतिकार थे। उस चुनाव में तमाम संभावनाओं के विपरीत ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को भारी सफलता मिली थी, हालांकि ममता बनर्जी अपनी सीट से खुद विधानसभा चुनाव हार गईं थीं, लेकिन वे फिर मुख्यमंत्री बनीं हैं।

अब माना जा रहा है कि अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले आम चुनाव को लेकर सरकार और बीजेपी के खिलाफ विभिन्न दल एकजुट होने के लिए इस बैठक में मंथन करेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी और गैर कांग्रेसी पार्टियां एक प्लेटफार्म पर आकर और साथ मिलकर साल 2024 में मोदी के सामने एक कठिन चुनौती पेश करना चाहते हैं। वैसे विभिन्न राज्यों में कमजोर पड़ती जा रही कांग्रेस और राज्यों के चुनावों में वहां के क्षेत्रीय दलों के मुकाबले में रहने के कारण विपक्ष के बाकी कई दलों का कांग्रेस से एक तरह का मोहभंग होता जा रहा है, इसलिए अब तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज हुयी है। बताया जा रहा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर होने वाली आज की बैठक में कांग्रेस को नहीं बुलाया गया है।

हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी और उड़ीसा के नवीन पटनायक जैसे नेता भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। वैसे एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर होने वाली यह बैठक राष्ट्र मंच के बैनर तले आयोजित होने की संभावना है। राष्ट्र मंच एक राजनीतिक समूह है, जिसका गठन पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा ने मिलकर साल 2018 में किया था।

इस बैठक में ऐसे राजनीतिक पार्टियों के भी शामिल होने की उम्मीद जताई गई है, जो अब तक इस मंच से नहीं जुड़े हैं। और ये पहला मौका होगा जब एनसीपी अध्यक्ष इस तरह की बैठक का नेतृत्व करेंगे।