क्या है विश्वकर्मा योजना जिसमें 5 फीसदी वार्षिक ब्याज पर ही मिल जाएगा लोन, मोदी कैबिनेट ने लगाई मुहर

अर्थव्यवस्था ताज़ा खबर राष्ट्रीय
SHARE

PM Vishwakarma Yojana : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में विश्वकर्मा योजना को मंत्रिमंडल ने अपनी मंजरी दे दी है। पांच साल की अवधि के लिए 13,000 करोड़ रुपये की वित्तीय लागत वाली पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Scheme) से बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाई समेत पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लगभग 30 लाख परिवारों को लाभ होगा. मोदी मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिए गए फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश के समक्ष रखी।

क्या है विश्वकर्मा योजना

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज मोदी मंत्रिमंडल की बैठक में पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है। इस पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। देशभर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। अनुराग ठाकुर ने कहा,

“57,613 करोड़ रुपए में से 20,000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी। यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा। यह योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।”

इन सबके बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल ने विश्वकर्मा योजना को अपनी मंजूरी दी है। उन्होंने कहा,

विश्वकर्मा का मतलब है कि हमारे कस्बों, ग्रामीण, छोटे शहरों में बहुत सारे ऐसे वर्ग हैं, जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी महत्वपूर्ण स्किल पर काम करते हैं। इसमें सोनार सोने का काम, लोहार लोहे का काम, चर्मचार चमड़े का काम इत्यादि शामिल हैं।

एक लाख रुपये का मिल सकेगा लोन

उन्होंने कहा कि इस तरह तमाम चीजों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। उस बड़े वर्ग को एक नया आयाम देने के लिए विश्वकर्मा योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। बता दें कि पिछले साल के बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी और इसे आज मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना के तहत उदार शर्तों पर एक लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

विश्कर्मा योजना से क्या होगा लाभ?

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को ‘पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र’ और आईडी कार्ड के माध्यम से पहचान प्रदान की जाएगी। योजना के तहत उन लोगों को 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

एक आधिकारिक बयान बताया गया कि कारीगरों और शिल्पकारों को स्किल अपग्रेडेशन (कौशल उन्नयन), टूल किट इंसेंटिव (प्रोत्साहन), डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और मार्केटिंग सपोर्ट भी प्रदान किया जाएगा।

5 वर्षों में 30 लाख परिवारों को किया जाएगा कवर

उन्होंने बताया कि पहले वर्ष में पांच लाख परिवारों को कवर किया जाएगा और वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2028 तक पांच वर्षों में कुल 30 लाख परिवारों को कवर किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल की ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ या परिवार-आधारित प्रैक्टिस को मजबूत और पोषित करना है।

शुरू में इन पारंपरिक व्यापारों को किया जाएगा कवर

रिपोर्ट के मुताबिक, शुरू में जिन पारंपरिक व्यापारों को कवर किया जाएगा उनमें बढ़ई, नाव बनाने वाले, शस्त्र बनाने वाले, लोहार, हथौड़ा और टूल किट बनाने वाले, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाले, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी-चटाई-झाड़ू बनाने वाले-कॉयर वीवर, पारंपरिक तौर पर गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, माला बनाने वाले,  धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं।

(बिहारी खबर लाइव की ऐसी और स्टोरीज़ के लिए आप  (यहां क्लिक कर सकते हैं.)