इंजन व सेंसर ना करें काम तो क्या होगा, इसरो चीफ ने चंद्रयान-3 को लेकर कही ये बड़ी बात

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Chsndrayan 3 : चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम 23 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 के कैमरे में कैद हुई चंद्रमा की पहली तस्वीरों को जारी किया है. चंद्रयान-3 ने 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर लिया था. इस दौरान उसने चंद्रमा का एक वीडियो बनाया है. चंद्रयान ने अंतरिक्ष से अपना पहला वीडियो भेजा है, जिसमें हैरान कर देने वाला नजारा दिखा है. वीडियो में दिख रहा कि कैसे चंद्रयान-3 चांद की कक्षा में प्रवेश कर रहा है और कैसे चांद पर छोटे-बड़े कई गड्ढे दिखाई दे रहे हैं.

सेंसर व इंजन ना करें काम तो क्या होगा?

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने मंगलवार को कहा, ”चंद्रयान 3 के सेंसर या दोनों इंजन काम ना भी करें, तब भी विक्रम सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होगा.”सोमनाथ बोले, ”विक्रम को ऐसे बनाया गया है कि वो किसी भी तरह की विफलता के बाद पैदा हुई स्थिति को संभाल सके.”इसरो प्रमुख कहते हैं, ”अगर सब कुछ फेल हो जाता है और सारे सेंसर भी काम करना बंद कर दें और कुछ भी काम ना करे तब भी विक्रम लैंडिंग करेगा. बस शर्त ये है कि इसका प्रिप्लशन सिस्टम (प्रणोदन प्रणाली) सही से काम करे.” इस सिस्टम का काम होता है कि किसी ऑब्जेक्ट को आगे की तरफ ले जाना. इसरो ने चंद्रयान 3 के मामले में सबसे बड़ी चुनौती हॉरिजॉन्टल विक्रम को वर्टिकली चांद की सतह पर उतारने को बताया है.

चंद्रयान-3 ने चांद की कक्षा में किया प्रवेश


चंद्रयान-3 को 22 दिन पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के लिए लॉन्च किया गया था. जहां अब तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है. भारत का तीसरा मानवरहित चंद्र मिशन चंद्रयान-3 शनिवार को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक दाखिल हो गया है. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-3 पांच अगस्त को चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया था. चांद के पास पहुंचाने से पहले तीन बार डि-ऑर्बिटिंग की कवायद होगी. ये डि-कॉर्बिटिंग नौ, 14 और 16 अगस्त को की जानी है.

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