छपरा। आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर बाबा रामदेव के द्वारा की गई टिप्पणी के विरोध में जिले के डॉक्टरों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है. बीते दिनों काला बिल्ला लगाकर कार्य करने के बाद चिकित्सकों के द्वारा आईएमए के आह्वान पर निर्धारित कार्यक्रम के तहत जिले के निजी क्लीनिक से लेकर सदर अस्पताल के ओपीडी तक की सेवा को बाधित रखा।
इस दौरान निजी क्लीनिक से लेकर छपरा सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा को 12:30 बजे तक बंद रखा गया। हालांकि सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा को बहाल रखने के लिए जिलाधिकारी डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे एवं सिविल सर्जन डॉक्टर जेपी कुमार के द्वारा नोटिस जारी किया गया था। लेकिन, चिकित्सक ओपीडी में पहुंचे ही नहीं।
वहीं कुछ चिकित्सक ओपीडी में पहुंचे थे जिन्हें अन्य चिकित्सकों के द्वारा मरीज देखने से रोका गया और पर्ची काउंटर कझ भी बंद कराया गया। जिसके कारण जिले में ओपीडी सेवा 12:30 बजे के बाद ही चालू हो सका।
मरीजों को भी काफी परेशानी :
वैसे तो ओपीडी सेवा बाधित किए जाने का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था। फिर भी सदर अस्पताल के ओपीडी सेवा को बाधित किए जाने की संभावना कम थी। जिसको देखते हुए सैकड़ों मरीज उपचार के लिए सदर अस्पताल पहुंचे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। क्योंकि सदर अस्पताल के किसी भी कक्ष में कोई चिकित्सक बैठा ही नहीं था। ऐसी स्थिति में दूर दराज के गांवों से पहुंचने वाले मरीजों को बैरंग ही लौटना पड़ा। क्योंकि निजी क्लिनिक में भी ओपीडी सेवा ठप्प थी। वहीं दर्जनों मरीजों का उपचार इमरजेंसी वार्ड में मौजूद चिकित्सक के द्वारा किया गया।
सदर अस्पताल के ओपीडी में 50 मरीजों का किया गया उपचार :
छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी सेवा को 12:30 बजे के बाद चालू किया गया। इस दौरान कुछ मरीज उपचार के लिए अस्पताल में रुके थे। इस प्रकार सदर अस्पताल के ओपीडी में शुक्रवार को मात्र 50 मरीजों का उपचार किया गया। जबकि आमूमन प्रतिदिन आठ सौ के आसपास मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं।