प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान दुनिया की दिग्गज कंपनियों के सीईओ ने मुलाकात की। इसके बाद अमेजन और गूगल ने भारत में अपने निवेश को विस्तार देने का प्लान बनाया है। दोनों दिग्गज कंपनियां अरबों डॉलर भारत में निवेश करने वाली हैं। शुक्रवार को अमेरिका की कई कंपनियों के टॉप अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की। इनमें गूगल (Google) की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) और ऐमजॉन (Amazon) के एंड्रयू जैसी (Andrew Jassy) शामिल थे। गूगल ने भारत के डिजिटाइजेशन फंड में 10 अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की है। पिचाई ने कहा कि डिजिटल इंडिया के लिए मोदी का विजन दूसरे देशों के लिए एक ब्लूप्रिंट हो सकता है। गूगल ने साथ ही गुजरात की गिफ्ट सिटी में ग्लोबल फिनटेक ऑपरेशन सेंटर खोलने की भी घोषणा की है। दूसरी ओर ऐमजॉन ने कहा है कि वह भारत में रोजगार बढ़ाने और छोटी तथा मझोली कंपनियों को डिजिटाइज करने में मदद करेगी। अमेजन ने भारत में लगभग 15 मिलियन डॉलर निवेश करने की बात भी कही है।
इस प्रकार एलान के अनुसार दोनो दिग्गज कंपनियां गूगल और अमेजन आने वाले समय में भारत में कुल मिलाकार 25 अरब डॉलर का निवेश करेंगी। ये रकम 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। इस निवेश से भारत के डिजिटाइजेशन को बूस्ट मिलने और बड़ी संख्या में रोजगार मिलने की उम्मीद है। ई-कॉमर्स के दिग्गज अमेजन के सीईओ एंडी जैसी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद जानकारी दी कि कंपनी भारत में अतिरिक्त 15 अरब डॉलर का निवेश करने जा रही है। कंपनी के मुताबिक वो पहले ही देश में 11 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है। जैसी ने कहा कि वो पहले ही भारत में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जता चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के अमेरिकी दौरे के बाद अमेजन (Amazon) और गूगल (Google) जैसी कंपनियां भारत में अपने निवेश को और बढ़ाने की तैयारी में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी दौरे पर वॉशिंगटन के रोनाल्ड रीगन सेंटर में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच के व्यापारिक संबंधों का खूब जिक्र किया।
वाशिंगटन के रोनाल्ड रीगन सेंटर में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत में लड़ाकू विमान के इंजन बनाने का जनरल इलेक्ट्रिक (GE) का निर्णय भारत के रक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल, भारत में GE एयरोस्पेस कंपनी के इंजन मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट को लगाया जाएगा. इसके बाद फाइटर जेट्स के इंजन भी भारत में ही बनने शुरू हो जाएंगे। इसमें भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जीई एयरोस्पेस की मदद करेगी।