लॉ कमीशन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कंसल्टेशन प्रक्रिया शुरू की, धार्मिक संगठनों और आम लोगों से मांगी राय

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Uniform Civil Code : विधि आयोग ने बुधवार को समान नागरिक संहिता के मसले पर नए सिरे से परामर्श मांगने की प्रक्रिया शुरू की है। आयोग ने सार्वजनिक व धार्मिक संगठनों से इस मुद्दे पर राय मांगी है। केंद्र ने एक बयान में कहा, ”शुरू में भारत के 21वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता पर विषय की पड़ताल की थी और 07.10.2016 की प्रश्नावली और उसके बाद 19.03.2018, 27.03.2018 और 10.4.2018 की सार्वजनिक अपील/नोटिस के साथ अपनी अपील के माध्यम से सभी हितधारकों के विचार मांगे थे।

आयोग ने बुधवार (14 जून) को एक बयान जारी कर कहा कि 22वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के बारे में मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचारों को जानने के लिए फिर से निर्णय लिया।

इसमें आगे कहा गया कि जो लोग रुचि रखते हैं और इच्छुक हैं वे अपनी राय दे सकते हैं। आयोग ने विचार प्रस्तुत करने के लिए 30 दिन का समय दिया है। कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाले 22वें लॉ कमीशन ने इच्छुक लोगों से 30 दिन में अपने विचार अपने वेबसाइट या ईमेल पर देने के लिए कहा है।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब?

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेने, विरासत और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले कानूनों के एक सामान्य सेट तैयार किया जाए चाहे नागरिक किसी भी धर्म का हो। वर्तमान में, विभिन्न कानून विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के लिए इन पहलुओं को विनियमित करते हैं।