आख़िरी दिन कोहली-रहाणे की जोड़ी दिखा पाएगी कमाल, क्या कहते हैं आंकड़े?

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वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पांचवें दिन अगर टीम इंडिया को ख़िताब जीतना है तो उन्हें इतिहास रचना होगा.

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी भी टीम ने चौथी पारी में 444 रनों के स्कोर का पीछा नहीं किया है.

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अब तक सिर्फ 4 मौक़ों पर ही 400 से ज़्यादा रनों के लक्ष्य का पीछा टेस्ट क्रिकेट में देखने को मिला है. लेकिन, उन चारों मैचों में एक ही समानता थी. टीम के दो बल्लेबाज़ों ने शतक जमाए और बाकी साथियों ने अहम योगदान दिया.

ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ वेस्ट इंडीज़ ने जब रिकॉर्ड 418 रनों का पीछा किया तो शिवनारायण चंद्रपॉल और रामनरेश सरवन के शतक थे.

साउथ अफ़्रीका ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 414 रनों का पीछा किया तो ग्रेम स्मिथ और एबी डिविलियर्स ने शतक जमाए.

1979 में भारत ने वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ 403 रनों का पीछा किया तो सुनील गावस्कर और गुंडप्पा विश्वनाथ के शतक शामिल रहे.

और सबसे पहली बार टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया ने 1948 में 404 रनों की पीछा किया था तब आर्थर मौरिस और सर डॉन ब्रैडमैन के शतक बने थे.

अब सवाल ये है कि क्या रविवार को इंग्लैंड के ओवल मैदान में विराट कोहली और अंजिक्य रहाणे भी इस शानदार फेहरिस्त का हिस्सा बनेंगे?

और सबसे पहली बार टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया ने 1948 में 404 रनों की पीछा किया था तब आर्थर मौरिस और सर डॉन ब्रैडमैन के शतक बने थे.

अब सवाल ये है कि क्या रविवार को इंग्लैंड के ओवल मैदान में विराट कोहली और अंजिक्य रहाणे भी इस शानदार फेहरिस्त का हिस्सा बनेंगे?

कोहली को सफेद गेंद की क्रिकेट में चेज़मास्टर का तमगा मिला है, लेकिन ये बात बहुत कम लोगों को पता है कि टेस्ट क्रिकेट में चौथी पारी में कोहली ने अब तक कोई ऐसी विराट पारी नहीं खेली है, जिससे टीम इंडिया को विदेशी ज़मीन पर जीत मिली हो.

लेकिन, इस मैच को सिर्फ कोहली के बल्ले के बूते शायद नहीं जीता जा सकता है.

वैसे आंकड़े ये बताते हैं कि साल 2015 से लेकर अब तक एशिया के बाहर सबसे बेहतरीन साझेदारी कोहली-रहाणे के बीच की ही रही है. इन दोनों ने इस दौर में 45 की औसत से 1125 रन जोड़े है.

भारत का स्कोर जब 91 पर 1 से अगले पांच गेंदों के अंतराल में 93 पर 3 हो गया तो ऐसा लगा कि पांचवें दिन के खेल के कोई मायने नहीं रहेंगे.

तभी इस जोड़ी ने नाबाद 70 रन जोड़ दिये और अब जीत का बड़ा दारोमदार इन्हीं दो अनुभवी खिलाड़ियों के कंधों पर होगा.