छपरा/गोपालगंज। पिछले आठ दिनों से गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रो में हो रही बारिश से उफनाई गंडक नदी का जलस्तर शनिवार से स्थिर बताया जा रहा है लेकिन रुक-रुककर हो रही लगातार बारिश ने बाढ़पीड़ितों की मुसीबत को और बढ़ा दिया है। बाढ़ के कारण सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर ,सलेमपुर सोनवर्षा ,बसहिया , उभवा सारंगपुर ,रामपुररुद्र 161 आदि गांवों के सैकड़ों परिवार अपने जरूरी सामानों एवं मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लिए हैं।
क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से विस्थापित जिंदगी जी रहे बाढ़पीड़ितों का जीवन प्रकृति की दोहरी मार ने नारकीय बना दिया है। सारण तटबंध पर तंबू में शरण लिए बाढ़पीड़ितों की परेशानी को शनिवार की सुबह से हो रही लगातार बारिश ने और बढ़ा दिया है। एक तरफ सारण तटबंध के निचले इलाकों के सैकड़ो एकड़ में लगी फसलें पानी मे डूब जाने से मवेशियों के समक्ष चारे की समस्या उत्पन्न हो गयी है, वहीं बारिश के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
नदी की तेज धारा से सलेमपुर एवं सोनवर्षा गांव में हो रहे कटाव से भी लोग सहमे हुए हैं.हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि नेपाल द्वारा छोड़ा गया पानी गुजर गया है।एक दो दिन में नदी के जलस्तर में कमी होने की उम्मीद है। फिलहाल सारण तटबंध को कोई खतरा नही है।
प्रशासनिक व्यवस्था नाकाफी :
अंचल कार्यालय द्वारा रामपुररुद्र 161 गांव के लिए मात्र 2 नावों की व्यवस्था की गयी है जो नाकाफी साबित हो रहा है। बाढ़पीड़ितों ने बताया कि इस गांव के लगभग तीन सौ परिवारों के लिए प्रशासनिक स्तर पर मात्र 2 नावों की व्यवस्था की गयी है, हालांकि पंचायत स्तर पर कुछ और नावों की व्यवस्था कर बाढ़पीड़ितों की मदद की जा रही है। मुखिया प्रतिनिधि आलोक सिंह ने बताया कि जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
एसडीआरएफ की टीम मौजूद :
संभावित बाढ़ की आशंका को देखते हुए एसडीआरएफ की एक टीम पानापुर पहुँच चुकी है। सीओ रणधीर प्रसाद ने बताया कि संभावित बाढ़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।उन्होंने बताया कि सारण तटबंध की सतत निगरानी की जा रही है वही माइकिंग के जरिये बाढ़पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।