Bengal Assembly News : (कोलकाता)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीरभूम घटना को लेकर सोमवार को भारी हंगामा हुआ। मामला यहां तक बढ़ गया कि सदन के पटल पर टीएमसी और भाजपा विधायकों के बीच झड़प हो गई। टीएमसी के एक विधायक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, उनकी नाक से खून आ रहा था। वहीं, विपक्ष ने आरोप लगाया कि टीएमसी और सुरक्षा कर्मियों ने आठ भाजपा विधायकों को घायल कर दिया है।
इससे पहले सदन में बीजेपी के विधायकों ने नारेबाजी की और उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। बीजेपी के विधायकों ने कागज के टुकड़े फाड़कर स्पीकर पर उड़ाया और बेल में उतरकर नारेबाजी की। बीजेपी विधायकों की नारेबाजी के बाद टीएमसी के विधायक भी बेल में उतर गये और फिर दोनों दलों के विधायक आपस में भिड़ गये। मंत्री फिरहाद हकीम ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन वह भी आपस में उलझते दिखे। इस बीच विधायक नरहरि महतो गिर गये। वहीं, बीजेपी ने विधायक मनोज टिग्गा के कपड़े फाड़ फाड़ने और उन पर हमला करने का आरोप लगाया है।
हुगली जिले के चिनसुराह से टीएमसी विधायक असित मजूमदार ने दावा किया कि उन्हें सुवेंदु अधिकारी ने मारा। उन्होंने कहा, “जब मैं विधानसभा के अंदर सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई कर रहे भाजपा विधायकों को हाथ जोड़कर रोकने गया तो मेरा चश्मा टूट गया।”
उधर, बीजेपी ने आरोप लगाया कि जब उसने बीरभूम मामले पर चर्चा की मांग की तो टीएमसी के विधायकों ने आपा खो दिया और हाथापाई की। इस दौरान भाजपा विधायक मनोज टिग्गा के साथ मारपीट की गई।
इसके बाद बीजेपी के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इस घटना के बाद शुभेंदु अधिकारी समेत पांच बीजेपी विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया है, जिसमें भाजपा विधायक दीपक बर्मन, शंकर घोष, मनोज टिग्गा और नरहरि महतो शामिल हैं।
बीजेपी विधायकों ने विधानसभा के बाहर भी विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि उनके साथ मारपीट की गई और वेल में प्रदर्शन के दौरान सिक्योरिटी गार्ड्स ने धक्का भी दिया। बीजेपी ने सदन में बीरभूम हिंसा मामले में बहस की मांग की और फिर विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद सदन में स्थिति बिगड़ गई और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई शुरू हो गई।