Jharkhand News : (रांची)। भाकपा माओवादियों के शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं में शामिल रंजीत बोस को गिरफ्तार कर लिया गया है। झारखंड पुलिस की निशानदेही पर रंजीत बोस को गुवाहाटी से गिरफ्तार किया गया। वह मूलत: पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के शिवपुर, शालीमार रोड का रहने वाला है।
साल 2004 तक रंजीत बोस उर्फ अरुण कुमार भट्टाचार्या उर्फ कबीर उर्फ कंचन उर्फ कनक दा को सैक सदस्य से सेंट्रल कमिटी सदस्य के तौर पर प्रोन्नति दी गई थी। साल 2019 तक सारंडा इलाके में रह कर रंजीत ने कैडरों को जोड़ने का काम किया था, वह पार्टी के विचारधारा से लोगों को जोड़ने का काम करता था। बीते दो सालों से असम व नार्थ ईस्ट रीजन का प्रभारी बनाया गया था। बंगाल, असम के साथ साथ वह झारखंड और बिहार में भी काफी प्रभावी रहा था।
पहली बार प्रमाणिक के मोबाइल से ही रंजीत की तस्वीर झारखंड पुलिस को हाथ लगी थी। महाराज ने बताया था कि रंजीत बोस अब असम में संगठन की जिम्मेदारी संभाल रहा है। महाराज से मिली जानकारी को झारखंड पुलिस ने असम पुलिस के साथ शेयर किया था। जिसके बाद रंजीत की गिरफ्तारी असम से हुई।
रंजीत बोस भाकपा माओवादियों का काफी गुप्त चेहरा रहा था। पुलिस को रंजीत के बारे में सिर्फ इतनी ही जानकारी मिली थी कि वह माओवादी संगठन का बड़ा रणनीतिकार है। पार्टी में नए कैडरों को कैसे जोड़ा जाए, माओवादी पार्टी की दशा- दिशा क्या होगा, इन नीतिगत चीजों में रंजीत की दखल थी। सारंडा में प्रशांत बोस के साथ रंजीत की काफी अच्छी पैठ थी। पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, रंजीत बोस की गिरफ्तारी माओवादियों के लिए बड़ा झटका साबित होगी।