Bihar News : (पटना)। बिहार में ढांचागत बदलाव के लिए कई परियोजनाओं (Bihar NH projects) पर कार्य जारी है। इसी क्रम में प्रदेश के अलग-अलग शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए पथ निर्माण विभाग (Road works department) की तरफ से कई महत्वपूर्ण सडक़ों का निर्माण कराया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार 11 महत्वपूर्ण निर्माणाधीन नेशनल हाइवे परियोजनाओं (National Highway) का निर्माण कार्य इसी साल समय पर पूरा कर लिया जाएगा। खास तौर पर पर केंद्र सरकार (Modi Government) के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) और बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने को लेकर बेहद सजग हैं और इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
जिन परियोजनाओं को ससमय पूरा करवाने पर जोर है इनमें राज्य के 11 नेशनल हाइवे शामिल हैं। इनमें मुख्य रूप से पटना-गया-डोभी, कोईलवर-भोजपुर-बक्सर, महेशखूंट-सहरसा-पूर्णिया, छपरा-हाजीपुर, औंटा–सिमरिया, नरेंनपुर–पूर्णिया, आमस–दरभंगा, कन्हौली-रामनगर और मुंगेर मिर्जाचौकी शामिल है। इन सभी एनएच परियोजनाओं के अलग-अलग पैकेज के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण पूरा हो चुका है।
जानकारी के अनुसार इन सभी परियोजनाओं का निर्माण पूरा करने के लिए मुख्यालय स्तर पर हर महीने मॉनिटरिंग की जा रही है। संबंधित पदाधिकारी सड़क निर्माण की प्रगति रिपोर्ट पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। माना जा रहा है कि 11 महत्वपूर्ण निर्माणाधीन नेशनल हाईवे परियोजनाओं का निर्माण कार्य समय पर पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि राज्य सरकार की तरफ से निर्माण कार्य पूरा करने में सभी तरह की मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
यहां यह भी बता दें कि नेशनल हाइवे 527 ई दरभंगा-रोसड़ा सड़क बनने का रास्ता साफ हो गया है. केंद्र सरकार ने इसे बनाने की मंजूरी दे दी है। जल्द इस सड़क को बनाने के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। सड़क की कुल लंबाई 39.5 किलोमीटर होगी। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि दरभंगा-रोसड़ा सड़क बनाने में 495 करोड़ खर्च आएगा सड़क बनाने के लिए जल्द निविदा जारी की जाएगी।
बता दें कि एनएच 527ई नवघोषित राष्ट्रीय उच्च पथ है, जो दरभंगा के रामनगर से प्रारम्भ होकर समस्तीपुर जिला होते हुए रोसड़ा तक जाएगी। इस पथ का निर्माण पेव्ड सोल्डर के साथ दो लेन में होना है। निर्माण वर्ष 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। निर्माण के बाद इस सडक़ को अगले 10 वर्षों तक अर्थात् वर्ष 2034 तक मेंटेनेंस अवधि में ही रखा जाएगा।