संक्रमित व्यक्ति में सीटी वैल्यू 25 से कम होने पर की जा सकेगी ओमीक्रोन की जांच, देखें क्या है ताजा गाइडलाइन

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Omicron: (हेल्थ डेस्क)। कोरोना के तीसरे वेब (Corona Third wave) और ओमीक्रोन (Omicron) की जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। बिहार के जिलों में कोरोना जांच (Corona testing) की संख्या बढा दी गई है। इसी कड़ी में सारण जिले में प्रतिदिन लगभग 5000 से अधिक लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच की जा रही है।

इस बीच ओमीक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर जिलों के सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। जारी पत्र में बताया गया है कि आरटीपीसीआर जांच में संक्रमित पाए जाने वाले मरीज जिनका सीटी वैल्यू 25 या 25 से कम है वैसे लोगों का जीनोम सीक्वेंस के लिए भेजा जाएगा।

साथ ही आरटीपीसीआर जांच में संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों के संख्या का 5% सैंपल ओमीक्रोन के जांच के लिए भेजा जाए ताकि जिससे ओमिक्रोन की पुष्टि की जा सकेगी।

बता दें कि कोविड वायरस का पता लगाने के लिए सीटी काउंट बेहद जरूरी होता है। सीटी का अर्थ होता है साइकिल थ्रेशहोल्ड। यह वायरस की मात्रा को जांचने का एक पैमाना है जो विशेषज्ञों द्वारा तय किया गया है। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव या निगेटिव है यह सीटी काउंट के आधार पर ही तय होता है।

कोरोना जांच में सीटी वैल्यू महत्वपूर्ण

कोविड वायरस से व्यक्ति संक्रमित है या नहीं इसके लिए सैंपल की सीटी वैल्यू चेक की जाती है। कोविड टेस्ट में सीटी वैल्यू दी जाती है। सीटी वैल्यू कोरोना वायरस के संक्रमण की जानकारी प्रदान करती है। इसी के जरिए मरीजों को पता चलता है। अगर मरीज की सीटी वैल्यू कम होती है तो मरीज की स्थिति बेहद गंभीर होती है। वहीं अगर सीटी वेल्यू थोड़ी ज्यादा होती है तो उसकी स्थिति को गंभीर नहीं माना जाता।

जेल में बंद बंदियों से परिजनों के मुलाकात पर रोक

कोरोना के प्रकोप को लेकर कारा एवं सुधार सेवाएं के महा निरीक्षक मिथिलेश मिश्र ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि कारा में बंद कैदियों से उनके परिजनों को मिलने का अनुमति 31 जनवरी तक बंद कर दिया गया है।

इस संबंध में बताया गया है कि राज्य में विगत एक सप्ताह में कोरोना संक्रमित मरीजों के संख्या में इजाफा हो रहा है । जिसके कारण अगर परिजन जेल रह रहे बंदियों से संपर्क में आते हैं तो वायरस के संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ सकती है। जिसके कारण यह निर्णय लिया गया है।