पटना। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सरकार की नीतियों पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। वह हर मौके पर सरकार को घेरने की कोशिश करते हैं। पिछले दो दिनों में तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी, नीति आयोग की रिपोर्ट और सरकारी कर्मियों की लंबित प्रोन्नति के मामलों को लेकर खूब खरी-खोटी सुनाई है।
आज शनिवार को तेजस्वी यादव ने कुछ आंकड़े जारी करते हुए बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। इसे लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी सीधा निशाना साधा है। तेजस्वी ने कहा “बिहार बेरोजगारी का मुख्य केंद्र है। बिहार में 78% बेरोजगार ग्रेजुएशन से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री वाले है। 16 वर्षों की नीतीश-भाजपा सरकार बेरोजगारी बढ़ाने के एक सूत्रीय कार्यक्रम पर ही कार्य कर रही है। NDA सरकार का 19 लाख नौकरियाँ देने का वादा था लेकिन अब उस पर कोई चर्चा ही नहीं। इन्होंने बिहार के करोड़ों युवाओं को ठग लिया।”
उन्होंने साथ में जोड़ा-युवा अब इनके झाँसे में नहीं आएगा और इस निकम्मी सरकार से अवश्य बदला लेगा।
इससे पहले उन्होंने सरकारी कर्मियों की लंबित प्रोन्नति को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था “लंबे अरसे से नीतीश सरकार ने सरकारी कर्मियों को प्रोन्नति से वंचित किया हुआ है। बिहार सरकार को संविधान सम्मत न्यायसंगत निर्णय लेकर सभी वंचित/योग्य कर्मियों को अविलंब प्रोन्नति देनी चाहिए।
साथ ही सेवानिवृत और मृत कर्मियों को भी भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति देने की दिशा में अवश्य ही सकारात्मक पहल होनी चाहिए।”
इससे पहले नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर उन्होंने नीतीश सरकार पर वार किया था। तेजस्वी यादव ने कहा “नीतीश कुमार जी की सत्तालोलुप अदूरदर्शी नीतियों, गलत निर्णयों और अक्षम नेतृत्व के कारण बिहार लगातार तीसरे वर्ष भी नीति आयोग की रिपोर्ट में सबसे फिसड्डी प्रदर्शन के साथ सबसे निचले पायदान पर है।
बीजेपी-नीतीश के 16 वर्षों के कागजी विकास का सबूत सहित यही सार, सच्चाई व असल चेहरा है।”
उल्लेखनीय है कि नीति आयोग की हालिया जारी रिपोर्ट में कई बिंदुओं पर बिहार फिसड्डी साबित हुआ है और सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की जारी की गई रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर रहा था।