Bihar News: बिहार में लंबे समय से चल रहे बालू के लूट (Sand Mafias) के खेल को खत्म करने के लिए राज्य सरकार (Bihar Government) ने बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। पिछले कुछ महीनों में बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त आधा दर्जन अधिकारी, पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। वहीं अब तैयारी उन सफेदपोशों पर कार्रवाई करने की है, जो इस लूट के धंधे में लंबे समय से लिप्त हैं।
बताया जा रहा है कि बालू खनन में शामिल लगभग तीन दर्जन ठेकेदार, माफियाओं के खिलाफ शिकजा कसने की कारवाई शुरू कर दी गई है। वही राज्य पुलिस मुख्यालय की तरफ से इन सफेदपोशों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दे दी गई है। बताया जा रहा है जिन बालू ठेकेदारों व माफियाओं पर कार्रवाई की जा रही है, उनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं।
बालू के खेल में शामिल करीब तीन दर्जन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। इनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Prevention of Money laundering Act) के तहत कार्रवाई के लिए जल्द ही ईडी (ED) को अनुशंसा भेजी जाएगी। इनकी संपत्ति जब्त होगी। ये वे लोग हैं जिनका नाम बालू के अवैध खनन की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में सामने आया था।
बताया गया कि इनके द्वारा 1 मई 2021 को बालू का उत्खनन संबंधित ठेकेदार द्वारा बंद किए जाने के बाद भी कई जगहों पर अवैध उत्खनन और गैरकानूनी व्यापार की शिकायतें मिली थीं।
इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। इओयू ने 6 जिलों पटना, भोजपुर, औरंगाबाद, सारण, रोहतास एवं कैमूर में जांच शुरू की थी। ईओयू ने जिन तीन दर्जन लोगों की लिस्ट तैयार की है उनमें राज्य के बालू माफिया, बड़े ठेकेदार और सफेदपोश भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार इस सूची में ब्रॉडसन कंपनी से जुड़े लोग भी हैं और वे दोनों बड़े ठेकेदार भी शामिल हैं जिनका नाम भोजपुर के पूर्व एसपी राकेश कुमार दुबे के साथ बातचीत में सामने आया था। एसपी के साथ इन दोनों ठेकेदारों की बातचीत के साक्ष्य भी जांच एजेंसी के पास है। फिलहाल, एसपी राकेश दूबे निलंबित चल रहे हैं।
बताया गया कि ईओयू द्वारा अवैध खनन में शामिल लोकसेवकों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इस धंधे में शामिल माफियाओं पर भी कार्रवाई की रणनीति बनाई जा रही थी।
पुलिस मुख्यालय ने इओयू की गोपनीय रिपोर्ट के बाद अब माफियाओं, ठेकेदारों, बिचौलियों पर कार्रवाई को हरी झंडी दी है। इसपर अमल शुरू हो गया है। ये सभी उन जिलों से संबंधित हैं जहां इओयू ने अपनी जांच की।