Magadh University : एमयू के वीसी ने की करोड़ों की काली कमाई, छापेमारी में 70 लाख कैश सहित विदेशी करेंसी भी बरामद

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Magadh University: मगध विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद के सरकारी आवास, घर और ऑफिस में विजिलेंस की टीम ने छापेमारी की है। छापेमारी में लाखों के कैश और करोड़ों की संपत्ति का पता चला है। इसके साथ ही निगरानी विभाग की जद में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद आ गए हैं।

खबर है कि छापेमारी में उनके यहां से 70 लाख तो नकद ही बरामद हुए हैं। इसके अलावा 15 लाख की ज्वेलरी, 5 लाख की विदेशी करेंसी सहित लगभग 30 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी का पता चला है।

उनपर सरकारी राशि के घोटाले का आरोप लगा है। यूनिवर्सिटी के सिक्युरिटी गार्ड की संख्या ज्यादा दिखाकर फर्जी हस्ताक्षर बना हर महीने सरकारी कोष से लाखों रुपये की फर्जी निकासी के भी आरोप हैं। गोरखपुर और बोधगया में आज बुधवार, 17 नवंबर 2021 को वीसी के सरकारी आवास सहित अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई।

राजेन्द्र प्रसाद पूर्व में बिहार के वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी सहित यूपी के भी दो यूनिवर्सिटी के वीसी रह चुके हैं। उनके खिलाफ 20 करोड़ से अधिक की अवैध खरीदारी का आरोप है। स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने मामले में राजेन्द्र प्रसाद सिंह, उनके निजी सचिव सुबोध कुमार, पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार और अन्य के खिलाफ अलग-अलग मुकदमा दर्ज किए थे।

मुकदमा दर्ज करने के बाद आज सुबह से ही गोरखपुर के तारामंडल रामगढ़ताल इलाके में आजाद नगर पूर्वी स्थित निजी मकान सहित सरकारी आवास और बाकी ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है। इससे पहले स्पेशल विजिलेंस कोर्ट ने सर्च वारंट जारी कर दिया था।

विजिलेंस के डीएसपी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में यह छापेमारी चल रही है। छापेमारी के लिए स्पेशल विजिलेंस यूनिट की तीन अलग-अलग टीमों को लगाया गया है। राजेन्द्र प्रसाद के गोरखपुर स्थित पैतृक आवास और बोधगया में 2 ठिकानों पर छापे को निगरानी विभाग की बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।

मगध यूनिवर्सिटी और वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी का कुलपति रहते राजेंद्र प्रसाद पर 20 करोड़ से अधिक की अवैध खरीदारी का आरोप है। बताया जा रहा है कि कुलपति ने अपने रिश्तेदार की एजेंसी से करोड़ों की अवैध खरीददारी की। खरीददारी में कुलपति पर टेंडर की प्रक्रिया और नियमों के उल्लंघन का भी आरोप है।

आरोप है कि वीसी राजेन्द्र प्रसाद ने कुलपति रहते सिक्यूरिटी गार्ड के भुगतान में काफी गड़बड़ी की। यह भी आरोप है कि यूनिवर्सिटी में सिक्युरिटी गार्ड महज 47 ही काम कर रहे थे लेकिन फर्जी हस्ताक्षर बना कर हर महीने 86 गार्ड के वेतन की निकासी की जा रही थी। इसके अलावा क्वेश्चन पेपर, कॉपी आदि की ख़रीदगी में घोटाले के आरोप हैं।

मिली जानकारी के अनुसार कुलपति पर आय से अधिक संपत्ति के मामले को लेकर पटना की विजिलेंस ने मामला दर्ज किया था। इस मामले में निगरानी कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त कर बुधवारको विश्वविद्यालय मुख्यालय, कुलपति आवास एवं कुलपति के गोरखपुर स्थित आवास तथा अन्य जगहों पर एक साथ छापेमारी की गई। मुख्यालय में छापेमारी के समय कुलपति कक्ष के तरफ जहां पूछताछ की जा रही थी, वहां किसी को जानेकी अनुमति नहीं थी। प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद यादव पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि और इलाहाबाद स्टेट विवि प्रयागराज के कुलपति रह चुके हैं। साल 2019 में उन्हें बिहार के मगध यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया था। प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद यादव गोरखपुर के रहने वाले हैं और गोरखपुर यूनिवर्सिटी में चार बार चीफ प्रॉक्टर रहे हैं। कई सारे शैक्षिक एवं अकादमिक पदों पर कार्य कर चुके प्रो राजेंद्र प्रसाद डीन, रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।