Modi Government Ordinance : देश की दो महत्वपूर्ण जांच एजेंसियों के शीर्ष पदों पर बहाल अधिकारियों के कार्यकाल को लेकर मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सीबीआई और ईडी दोनों सबसे महत्वपूर्ण जांच एजेंसी माने जाते हैं, जिनके डायरेक्टर का कार्यकाल अब 2 की जगह 5 साल का होगा।
इस ऑर्डिनेन्स के बाद सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) और इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के डायरेक्टर्स का कार्यकाल अब 5 साल तक बढ़ाया जा सकेगा।
केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशकों का कार्यकाल पांच साल का हो जाएगा। दरअसल केंद्र सरकार ने रविवार, 14 नवंबर 2021 को एक अध्यादेश जारी किया है। इस अध्यादेश के बाद अब सीबीआई और ईडी के निदेशकों का कार्यकाल अब पांच साल तक बढ़ाया जा सकेगा।
बता दें कि देश में सीबीआई के मोजूदा चीफ सुबोध जायसवाल और ईडी के चीफ संजय कुमार मिश्रा हैं। वर्तमान में सीबीआई और ईडी के निदेशकों का कार्यकाल 2 साल का होता है। वहीं अब सरकार के इस फैसले के बाद दोनों एजेंसियों के निदेशकों का कार्यकाल अब 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
नए अध्यादेश के मुताबिक, सीबीआई और ईडी चीफ की नियुक्ति पहले 2 साल के लिए की जाएगी। इसके बाद तीन साल का (1+1+1) करके एक्सटेंशन दिया जाएगा। एक-एक साल के लिए तीन एक्सटेंशन दिए जा सकते हैं। लेकिन यह कुल 5 साल से अधिक नहीं होना चाहिए।
केंद्र सरकार ने इसके लिए अध्यादेश जारी किया है। मौजूदा समय में केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों का कार्यकाल 2 साल का होता है।
अभी तक दोनों केंद्रीय एजेंसियों के निदेशों का कार्यकाल 2 साल तक के लिए तय होता है। कुछ अपवादों को छोड़कर कार्यकाल खत्म होने से पहले उन्हें हटाया नहीं जा सकता है। सरकार कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा भी सकती है।
पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने ईडी डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया था। मिश्रा का 1 साल का कार्यकाल नवंबर 2020 में खत्म हो गया था।
1997 से पहले सीबीआई डायरेक्टर्स का कार्यकाल तय नहीं था और किसी भी प्रकार से सरकार उन्हें हटा सकती थी। सुप्रीम कोर्ट ने विनीत नरैन फैसले में सीबीआई डायरेक्टर के लिए कार्यकाल की न्यूनतम सीमा 2 साल के लिए तय कर दी थी, ताकि उन्हें काम करने में आजादी मिले।