Fiscal deficit : केंद्र का राजकोषीय घाटा 5.26 लाख करोड़ रुपये, जानें क्या है सरकार की आमद-खर्च का हिसाब-किताब

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Fiscal deficit : केंद्र सरकार का (Central Government) राजकोषीय घाटा सितंबर 2021 के अंत में 5.26 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 35 प्रतिशत रहा। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के शुक्रवार, 29 अक्टूबर को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

हालांकि, चालू वित्त वर्ष (Current financial year) में घाटे के आंकड़े पिछले वित्त वर्ष की तुलना में काफी बेहतर हैं। पिछले साल समान अवधि में कोविड-19 महामारी (Covid 19 pandemic) से निपटने के लिए खर्च बढ़ने के कारण घाटा अनुमान के मुकाबले 114.8 प्रतिशत तक बढ़ गया था।

सीजीए ने कहा कि निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit) यानी खर्च और आमदनी के बीच का अंतर अगस्त के अंत में 5,26,851 करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार को घाटा जीडीपी का 6.8 फीसदी या 15,06,812 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है।

सीजीए ने कहा कि कुल मिलाकर राजकोषीय घाटा या व्यय और राजस्व के बीच का अंतर अगस्त के अंत में पांच लाख 26 हजार 851 करोड़ रुपये था।

वर्तमान वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार को यह घाटा, जीडीपी के 6.8 फीसदी या 15 लाख छह हजार 812 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। आंकड़ों के अनुसार, सितंबर तक केंद्र की कुल प्राप्ति 10.99 लाख करोड़ या संबंधित बजट अनुमान 2021-22 का 55.6 फीसदी थी।

आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2021 तक केंद्र सरकार की कुल प्राप्तियां 10.99 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान (बीई) 2021-22 का 55.6 प्रतिशत थीं। वित्त वर्ष 2020-21 की समान अवधि में कुल प्राप्तियां बजट अनुमान का 25.2 प्रतिशत थीं। कुल प्राप्तियों में कर राजस्व 9.2 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 59.6 प्रतिशत था, जो एक साल पहले की इसी अवधि में सिर्फ 28 प्रतिशत था।

सीजीए के आंकड़ों में आगे कहा गया कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के अंत में केंद्र सरकार का कुल खर्च 16.26 लाख करोड़ रुपये या चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 46.7 प्रतिशत था।

वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 9.3 प्रतिशत था।
औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति मुख्य रूप से कुछ खाद्य पदार्थों की कम कीमतों के कारण सितंबर में घटकर 4.41 प्रतिशत हो गई।

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सितंबर में सालाना आधार पर मुद्रास्फीति पिछले महीने (अगस्त 2021) के 4.79 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने (सितंबर 2020) के दौरान 5.62 प्रतिशत की तुलना में 4.41 प्रतिशत रही।’’

आंकड़ों में कहा गया है कि वित्त वर्ष की पहली छमाही के अंत में केंद्र सरकार का कुल खर्च 16.26 लाख करोड़ रुपये या चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 46.7 फीसदी था।

कुल व्यय में से 13 लाख 96 हजार 666 करोड़ राजस्व खाते में और दो लाख 29 हजार 351 करोड़ पूंजी खाते में थे। कुल व्यय में से तीन लाख 63 हजार 757 करोड़ ब्याज भुगतान के लिए व एक लाख 80 हजार 959 करोड़ प्रमुख सब्सिडी के कारण थे।

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