Bihar Panchayat Election : बदलते राजनीतिक परिवेश में अब ठेके की राजनीति की जगह स्वतंत्र राजनीति की शुरुआत पंचायत चुनाव में दिखने लगी हैं। छात्र राजनीति से जुड़े युवा सहित उच्च शिक्षित युवा भी अब गाँव की राजनीति में अपना भाग्य अजमा रहें हैं। विगत कई चरण के पंचायत चुनाव में इसका सुखद परिणाम भी देखने को मिला है जब कई युवा चेहरा जिला पार्षद, मुखिया व अन्य पदों पर निर्वाचित हुए हैं।
बुधवार को नगरा प्रखंड के तुजारपुर पंचायत से एमबीए (MBA) किये सुबोध कुमार ( Subodh kumar) ने मुखिया पद हेतु नामांकन दाखिल कर विरोधी खेमे में खलबली मचा दी हैं। सुबोध एक उच्च शिक्षित युवा हैं जिन्हें सामाजिक कार्यों में शुरू से रुचि रहीं हैं। उन्होंने अपना नामांकन दाखिल करने के उपरांत कहा कि सरकार पंचायत के विकास हेतु अनेकों योजना चलाती हैं। लेकिन ठेका की राजनीति करने वाले अपने अधिकार व कर्तव्य को भूल कर पंचायत का जो विकास होना चाहिए वह नही कर पाते हैं।
इसके लिए मुखिया को एक शिक्षित व योग्य होना आवश्यक हैं। उन्होंने कहा महात्मा गाँधी ने ग्राम स्वराज्य का जो सपना देखा था वह आज भी अधूरा है। पंचायतों में आज भी सामाजिक संरचना व वर्ग विशेष को देख कर कार्य कराये जाते हैं जो निंदनीय एवं खेदपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव में उन्हें मौका मिला तो ग्राम स्वराज के सपनों को साकार करने हेतु कार्य करेंगे।
उन्होंने कहा तुजारपुर की धरती मेधा व कर्मठता से परिपूर्ण हैं। तुजारपुर निवासी व भिखारी ठाकुर नाट्यमण्डली के कलाकार रामचंद्र माँझी को इसी वर्ष पद्मश्री पुरस्कार भारत सरकार द्वारा प्राप्त हुआ है जो सभी पंचायत वासियों के लिए गर्व की बात है।