Kanhaiya in Congress: (सेंट्रल डेस्क)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNU Students Union) के पूर्व अध्यक्ष व CPI नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी आज कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दोनों युवा नेताओं को दोपहर तीन बजे पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे। कन्हैया कुमार सीपीआई के बड़े चेहरे रहे हैं और पार्टी टिकट पर बिहार के बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।
बता दें कि पिछले दिनों कन्हैया कुमार ने दो बार राहुल गांधी से मुलाकात की थी जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारे में इसे लेकर अटकलें तेज हो गई थी। कन्हैया की कांग्रेस में इंट्री के पीछे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भूमिका भी अहम बताई जा रही है।
देश आज आज शहीदे आजम भगत सिंह की जन्म जयंती मना रहा है और बताया जा रहा है कि कांग्रेस की सदस्यता लेने से पहले दोनों युवा नेता कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी दोपहर में दिल्ली के आईटीओ के पास स्थित शहीद पार्क में भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जाएंगे।
इस अवसर पर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में यहां मौजूद रहेंगे। इसके बाद सभी दिल्ली स्थित कांग्रेस दफ्तर आएंगे। इस मौके पर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे।
माना जा रहा है कि दोनों के आने से कांग्रेस (Congress) को मजबूती मिलेगी। यह भी कहा जा रहा है कि कन्हैया कुमार सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि कांग्रेस पार्टी उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी मैदान में उतार सकती है।
बताया जा रहा है कि दोनों युवा नेता देश भर में युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने और मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलनों की मुहिम चला सकते हैं। चर्चा यह भी है कि बिहार में कन्हैया और गुजरात (Gujrat) में जिग्नेश को कांग्रेस बड़ा पद दे सकती है। इसी रणनीति के तहत आने वाले दिनों में कुछ और युवा नेता कांग्रेस में शामिल होंगे।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी बीजेपी-आरएसएस (BJP-RSS) की विचारधारा के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने वाले कन्हैया और जिग्नेश से खासे प्रभावित हैं। इन युवा नेताओं के जरिए राहुल एक नई टीम बनाते हुए नजर आ रहे हैं।
चूंकि बीते दिनों में कांग्रेस से कई नेता दूसरी पार्टियों में शामिल हुए हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ और नेता असंतुष्ट चल रहे हैं। इन सबके बीच राहुल के रणनीतिकारों को लगता है कि कन्हैया और जिग्नेश के साथ से राहुल को मोदी विरोध की राजनीति में मजबूती मिलेगी।
माना जा रहा है कि कन्हैया कुमार को पार्टी पहले उत्तरप्रदेश में अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनावों में बड़ी भूमिका दे सकती है। इसके बाद बिहार कांग्रेस में उन्हें लाकर यहां भी कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। बिहार में कांग्रेस पार्टी 80 के दशक के बाद अपने अकेले दम पर सत्ता में नहीं आ सकी है। पिछले संसदीय चुनाव में भी पार्टी को 40 में से सिर्फ 1 सीट हासिल हो सकी थी। ऐसे में कांग्रेस उन्हें बिहार में बड़ी जिम्मेदारी देकर अपना बेस मजबूत कर सकती है।
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यह भी बताया जा रहा है कि राहुल गांधी से मुलाकात के पहले कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से भी मुलाकात की थी। कन्हैया को कांग्रेस में लाने का जिम्मा विधायक शकील अहमद खान निभा रहे हैं। कन्हैया से उनका गहरा लगाव है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन में भी शकील बिहार में कन्हैया के साथ जिलों में घूम रहे थे।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस में शामिल होने की जल्दी कन्हैया को नहीं थी, लेकिन यूपी में चुनाव को देखते हुए कांग्रेस उन्हें पार्टी में जल्द शामिल करना चाहती है। प्रशांत किशोर की सलाह पर राहुल गांधी युवा नेताओं की नई टीम बना रहे हैं। उसमें कन्हैया की भूमिका अहम हो सकती है। यूपी चुनाव के बाद उन्हें बिहार में उतारा जा सकता है।