ईडी ने विधायक ददन पहलवान की 68 लाख की संपत्ति की अटैच, मनी लॉन्ड्रिंग का है मामला

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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक ददन सिंह यादव उर्फ ददन पहलवान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने ददन पहलवान और उनके परिवार से जुड़े कई लोगों की लगभग 68 लाख रुपये की संपत्तियों को अटैच कर ली है. ददन सिंह की पहचान बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाहुबली नेता की है.

ईडी द्वारा यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है. यानी अवैध तौर पर कमाई गई संपत्तियों को प्रॉपर्टी में निवेश कर के ब्लैक मनी को सफेद बनाने की कोशिश की गई थी. इसके तहत सात स्थानों पर जमीन, सात लग्जरी गाड़ियां सहित कई संपत्तियों को अटैच किया है. जांच एजेंसी के मुताबिक ददन सिंह यादव उर्फ ददन पहलवान के खिलाफ बिहार और उत्तर प्रदेश में वर्ष 2004 में कई मामले दर्ज हुए थे. उन्हीं मामलों में कार्रवाई करते हुए ईडी की टीम द्वारा इन संपत्तियों को अटैच किया गया है.
बाहुबली ददन यादव के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का आरोप, हथियार व गोला-बारूद रखने और इसके लेन-देन का आरोप, कई प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा, हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश रचने जैसे कई संगीन मामलों में बिहार और उत्तर प्रदेश में केस दर्ज है. इन मामलों को आधार बनाते हुए ईडी ने PMLA यानी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.

बिहार के डुमरांव इलाके से विधायक रहे ददन यादव को बागी तेवर अपनाने के आरोप में जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) से वर्ष 2020 में बाहर कर दिया गया था. राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री रहे ददन पूर्व में बैंक डिफाल्टर बनकर काफी सुर्खियों में रहे थे. उनके खिलाफ दिल्ली और पंजाब के कोर्ट में कई मामलों की सुनवाई चल रही है. वर्ष 2017 में बैंक द्वारा डिफाल्टर घोषित होने के बाद ददन पहलवान के राइस मिल और पटना के सगुना मोड़ स्थित करीब डेढ़ कट्ठा जमीन को बैंक द्वारा अपनी संपत्ति घोषित कर दी गई थी, जिसका विज्ञापन भी अखबारों में प्रकाशित किया गया था.
ददन यादव की पत्नी और बेटे पर भी संगीन आरोप
ददन यादव के खिलाफ पहले दर्ज कुछ मामलों में सह-आरोपी के तौर पर उनकी पत्नी उषा देवी और बेटे करतार सिंह यादव का भी नाम दर्ज है. ईडी की तफ्तीश
में यह भी सामने आया है कि ददन पहलवान ने अपने परिजनों के नाम पर कई कंपनियों के मार्फत पैसों का लेनदेन किया है, जबकि उस इनकम (आय) के सोर्स के बारे में तफ्तीश करने पर पाया गया कि फर्जीवाड़ा के तहत वो उससे संबंधित कारोबार नहीं करते थे. लेकिन कागजों पर कारोबार का नाम और उससे धन अर्जित करने का जिक्र करते रहे हैं. वहीं, ददन पहलवान के बेटे करतार सिंह ने सत्यवीर एग्रो कंपनी के नाम पर बैंक से लोन लिया था. यह राशि बढ़कर उस वक्त एक करोड़ 52 लाख से ज्यादा हो गई थी. लेकिन ददन पहलवान और उनके बेटे के द्वारा इसे नहीं चुकाया गया था. जिससे बैंक के द्वारा उनका नाम लोन डिफॉल्टर के नाम के रूप में घोषित किया गया था.

Source-news18