तेजस्वी-मीसा सहित छह के खिलाफ FIR का आदेश, 5 करोड़ रुपये लेकर चुनाव में टिकट नहीं देने का आरोप

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पटना। पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) ने तेजस्वी यादव, मीसा भारती (Misa Bharti) समेत छह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश कोतवाली थाने को दिया है. न्यायालय की ओर से कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह द्वारा दाखिल परिवाद (3136/ 21) के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के निवेदन पर यह आदेश दिया गया है.
आरोप में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में राजद (RJD) का टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये लिये गये और इस चुनाव में टिकट नहीं देने पर विधानसभा चुनाव में उन्हें गोपालपुर और उनके भाई को रुपौली सीट से टिकट देने का आश्वासन दिया गया.

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बता दें कि कोतवाली थाने (Kotwali Thana) में भादवी की धारा 467, 468, 471, 506, 499, 500 व 120 और आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.

बता दें कि इन दिनों तेजस्वी यादव झारखंड (Jharkhand) के दौरे पर हैं और वहां वे राजद को मजबूती देने की कोशिश में जुटे हैं. इन सबके तेजस्वी यादव इस नई मुसिबत में घिर गए हैं. उन पर करोड़ों रुपए की ठगी का आरोप लगा है. जिसमें उनके खिलाफ सीजेएम के आदेश पर एफआईआर (FIR) दर्ज किया गया है.

वहीं इस एफआईआर में तेजस्वी के साथ मीसा भारती, दिवगंत सदानंद सिंह (Sadanand Singh) के पुत्र शुभानंद मुकेश, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) और प्रवक्ता राजेश राठौर के नाम शामिल हैं. इन सभी पर चुनाव में टिकट देने के नाम पर 5 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप हैं.

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बता दें कि कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने पटना के सीजेएम की अदालत में 18 अगस्त को एक परिवाद पत्र दायर किया था. परिवाद पत्र मे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राज्यसभा सदस्य मीसा भारती के अलावा बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, सदानंद सिंह, राजेश राठौर को भी आरोपित बनाया गया था.

दायर परिवाद में कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव (Parliamentary election) में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का टिकट देने के नाम पर मुझसे पांच करोड़ रुपये लिए गए और टिकट भी नहीं दिया गया. बाद में विधानसभा का टिकट देने का आश्वासन दिया गया, लेकिन वो टिकट भी मुझे नहीं दिया गया।

आरोप लगाया गया है कि इसके लिए वादी ने 25 जनवरी 2019 को राजद कार्यालय में तेजस्वी यादव और मदन मोहन झा के हाथों में पांच करोड़ रुपये दिए. टिकट नहीं मिलने पर जब वादी ने तेजस्वी यादव से संपर्क किया तो उनके द्वारा परिवादी को जान से मारने की धमकी दी गई.