गंगा हुई शांत तो अब डराने लगी गंडक, लगातार जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण चौथी बार पलायन की कर रहे तैयारी

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छपरा। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश एवं वाल्मीकिनगर बराज से नेपाल द्वारा लगातार भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर ,सलेमपुर ,सोनवर्षा ,बसहिया , उभवा ,रामपुररुद्र 161 गांवो के सैकड़ो घरो में पानी प्रवेश करने लगा है वही रामपुररुद्र 161 गांव का सड़क संपर्क भी भंग हो गया है।

सारण जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, 25 अगस्त को गंडक नदी का बहाव 166600 क्यूसेक था तो 26 अगस्त को सुबह 6 बजे कुछ घटकर 163800 क्यूसेक हो गया। लेकिन 27 अगस्त को सुबह 6 बजे गंडक पूरे उफान पर आ गई और सुबह 6 बजे इसका बहाव 404000 क्यूसेक हो गया।

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मालूम हो कि सारण तटबंध से रामपुररुद्र 161 गांव को जानेवाली मुख्य सड़क विगत दो माह में तीन बार आयी बाढ़ से पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुका था। ग्रामीण चचरी पुल बनाकर किसी तरफ आवागमन बहाल किये हुए थे लेकिन एकबार फिर आयी बाढ़ ने आवागमन के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं, जिससे अब लोगो को नाव ही सहारा है। सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे ग्रामीण जून माह से अबतक तीन बार बाढ़ की विभीषिका झेल चुके हैं।

नदी के जलस्तर में ही रही वृद्धि से इन गांवों के लोग अब चौथी बार विस्थापित होने की तैयारी में जुटे हैं ।इस बीच बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशानिर्देश के अनुसार बीडीओ राकेश रौशन के आदेश पर विभिन्न विद्यालयों में छात्र छात्राओं को संभावित बाढ़ के दौरान बरती जानेवाली सावधानियों से अवगत कराया गया।

शिक्षकों ने छात्रों को बाढ़ के दौरान बाहर नही निकलने ,बिजली के खंभों के नजदीक नही जाने ,पानी को उबाल कर पीने की आदि की सलाह दी।बीडीओ ने लोगो से किसी तरह की अफवाह पर ध्यान नही देने की अपील करते हुए धैर्य बनाये रखने की अपील की।

उधर मोतिहारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुगौली के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। पुनः बाढ़ की आहट से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है।
सिकरहना नदी पुरी तरह से उफना गई है, जिससे अवश्यंभावी बाढ के डर से लोग सहमे हुए हैं।