छपरा। सारण तटबंध के निचले क्षेत्रों में बसे लोगो को बार बार बाढ़ आने एवं जलजमाव के कारण अब महामारी फैलने का भय सताने लगा है। बाढ़ के पानी के कारण लोग खुले में शौच करने को विवश हैं, जिस कारण चारो तरफ गंदगी फैली है। आलम ये है कि सारण तटबंध के पृथ्वीपुर से लेकर रामपुररुद्र 161 तक फैले गंदगी के कारण आमलोग नाक एवं मुंह ढककर गुजरने को विवश हैं।एक माह से बाढ़ से कराह रहे लोगो की सुधि लेने की फुरसत न तो स्थानीय प्रशासन को है और न स्वास्थ्य विभाग को ही है।
हालांकि स्थानीय सीओ रणधीर प्रसाद की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम शनिवार की देर शाम रामपुररुद्र 161 गांव पहुँची एवं हालात की जानकारी ली।प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुमार गौरव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में महामारी रोकने के लिए हरसंभव उपाय किये जा रहे हैं। इस बीच गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
मालूम हो कि गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर ,सलेमपुर ,सोनवर्षा ,बसहिया ,उभवा सारंगपुर ,रामपुररुद्र 161 गांव के सैकड़ो परिवार एक माह के अंदर दो दो बार विस्थापन की जिंदगी गुजार चुके है।एक बार फिर गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण लोगो की परेशानी बढ़ गयी है।जल संसाधन विभाग से प्राप्त सूचनानुसार सोमवार की सुबह तक गंडक नदी के जलस्तर में 20 से 30 सेंटीमीटर तक की कमी होने की संभावना है जिससे बाढ़ की स्थिति में कुछ सुधार होने की बात कही जा रही है।
गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे उतार चढ़ाव ने तटबंध के निचले इलाकों में बसे लोगो का जीवन नारकीय बना दिया है।बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही थी लेकिन सोमवार से जलस्तर में कमी होने की संभावना है।उन्होंने बताया कि सारण तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है एवं हर परिस्थिति से निबटने के लिए विभाग पूरी तरह सजग है।